मनोरंजन

Movie Review Manikarnika : रानी लक्ष्मीबाई बनी कंगना की ऐतिहासिक फिल्म, मिले इतने स्टार्स

स्टार कास्ट: कंगना रनौत, अतुल कुलकर्णी, अंकिता लोखंडे, डैनी डेंगजोंग्पा, जिस्सू सेनगुप्ता अन्य

– निर्देशक: राधा कृष्ण, जगरलामुडी, कंगना रनौत

– निर्माता : कमल जैन और निशांत पिट्टी

मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी एक ऐतिहासिक फिल्म है जिसे बनाने में कंगना रनौत सफल रही हैं। रानी लक्ष्मीबाई के साहस और बलिदान की कहानी को बखूबी बड़े परदे पर दर्शीती फिल्म मणिकर्णिका एक भव्य और शानदार फिल्म है। इसका कैनवास ग्रैंड है। बतौर अभिनेत्री और निर्देशक कंगना इस फिल्म को लेकर सफल नजर आती हैं। खास बात यह है कि, वे बेहतरीन विजुअल्स क्रिएट करने में भी सफल रही हैं और बड़े परदे पर फिल्म को देखकर दर्शक के अंदर देशभक्ति का जज्बा पैदा होता है। लेकिन कुछ चीजें हैं जो फिल्म में खटकती हैं। जैसे कि रानी लक्ष्मीबाई की गौरव गाथा वाली कविता ‘खूब लड़ी मर्दानी, वो तो झांसी वाली रानी थी’ जो हम सभी ने पढ़ी है, सिर्फ इसके इर्द-गिर्द फिल्म की रूपरेख नजर आती है। फिल्म बस यही तक सीमित है। इसे और ज्यादा इनफॉर्मेंटिव नहीं बनाया गया है।

बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन के वॉइस ओवर के साथ फिल्म की कहानी की शुरुआत होती है। रानी लक्ष्मीबाई के साहस और बलिदान को दर्शाती फिल्म मणिकर्णिका में रानी लक्ष्मीबाई की शौर्यगाथा को बड़े परदे पर बखूबी दिखाया गया है। फिल्म के विजुअल्स को लेकर सराहनीय काम किया गया है जो साफ तौर पर नजर आता है। भव्यता के साथ फिल्माई गई इस फिल्म में बस रिसर्च की कमी नजर आती है। जो रानी लक्ष्मीबाई के बारे में पता है उसे फिल्मी परदे पर भव्यता के साथ उतारा गया है। तो लगता है कि थोड़ी और रिसर्च के साथ इन्फॉर्मेंशन जुटाई जा सकती थी। अगर ऐसा किया जाता तो फिल्म और अच्छी बनती। अगर बात करें स्क्रीनप्ले की तो इस पर ज्यादा काम किया जाना चाहिए था। खैर कंगना की यह बतौर निर्देशक पहली फिल्म है और वे इस प्रयास में सफल नजर आती हैं।

फिल्म में एक और बात खटकती है कि पहला गाना आने के बाद जब महारानी ग्वालियर जनता के बीच पहुंचती हैं तो गाने के बोल खटकते हैं। जो डांस किया जाता है वो दर्शक को जोड़ नहीं पाता। विजुअल्स मंत्रमुग्ध जरूर करते हैं लेकिन यह फिल्म दर्शक को अपना हिस्सा नहीं बना पाती। लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि कंगना ने यह सफल साहस किया कि उन्होंने फिल्म में अभिनय के साथ-साथ निर्देशन की जिम्मेदारी भी संभाली जो काफी सराहनीय है। कंगना के करियर की यह सबसे बड़ी फिल्म है।

परफॉर्मेंस की बात करें तो रानी लक्ष्मीबाई के किरदार में कंगना रनौत ने बेहतरीन परफॉर्म किया है। रानी लक्ष्मीबाई के किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है। झलकारी बाई का किरदार निभाने वाली अंकिता लोखंडे ने भी अच्छा अभिनय किया और इस पहली फिल्म में उनकी प्रबल मौजदूगी दर्ज करवाई है। पेशबा बने सुरेश ओबेरॉय, राजगुरु के किरदार में कुलभूषण खरबंदा, गौस बाबा के किरदार में डैनी डेंगजोंग्पा, सदाशिव की भूमिका मेंमोहम्मद जीशान अयूब और जिस्सू सेनगुप्ता ने शानदार अभिनय से हमेशा की तरह प्रभावित किया है।

कुलमिलाकर मणिकर्णिका एक ऐतिहासिक फिल्म है जो रानी लक्ष्मीबाई की साहस, बलिदान और उनकी शौर्यगाथा को बखूबी बड़े परदे पर दर्शाती है। महान नहीं लेकिन भव्य फिल्म है जिसे जरूर देखा जा सकता था।

रेटिंग: पांच (5) में से तीन (3)

स्टार अवधि: 2 घंटा 28 मिनट

Related posts

प्रियंका चोपड़ा को यूनिसेफ की ओर से ‘डैनी काये मानवतावादी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया

Anup Dhoundiyal

दीपिका पादुकोण महाभारत पर फ़िल्म प्रोड्यूस करेगी,ख़ुद इस किरदार को निभाएगी

Anup Dhoundiyal

Box Office: रिकॉर्ड तोड़ ओपनिंग के बाद औंधे मुंह गिरी ‘ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान’, दूसरे दिन बस इतनी कमाई

News Admin

Leave a Comment