देहरादून। हरिद्वार जिले के तीन मोटर मार्गो के पुनर्निर्माण एवं सुधारीकरण कार्यो में अनियमितता और अपने कार्यो का सही प्रकार से अनुपालन न करने पर शासन ने लोक निर्माण विभाग के दो अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। इस मामले में आरोपित तत्कालीन अधिशासी अभियंता, निर्माण खंड देहरादून, सुशील कुमार गुप्ता और तत्कालीन सहायक अभियंता, निर्माण खंड देहरादून श्रीकांत शर्मा को दोषी पाते हुए इनकी दो वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है। दोनों से 28.98 लाख रुपये वसूलने के निर्देश भी दिए गए हैं।
लोक निर्माण विभाग द्वारा 2009 में रुहालकी-सहदेवपुर, पिरान कलियर-मुजाहिदपुर-शक्तिवाला और रायसी-शाहपुर सड़क मार्ग के पुनर्निर्माण एवं सुधारीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया था। मार्ग निर्माण के दौरान तत्कालीन अधिशासी अभियंता और तत्कालीन सहायक अभियंता पर अनियमितता के आरोप लगे थे।
अगस्त 2016 में दोनों अधिकारियों को प्रथम दृष्ट्या दोषी पाते हुए इन्हें आरोप पत्र जारी करते हुए नए जांच अधिकारी नियुक्त किए गए। मई 2018 में यह जांच पूरी हुई और जांच अधिकारी ने दोनों के जवाब और दस्तावेजों के आधार पर आरोप सिद्ध न होने की बात कही। इस पर शासन ने एक अलग जांच समिति का गठन किया। समिति ने अधिकारियों के बयान और अपनी जांच में पाया कि निर्माण कार्य मानकों के अनुरूप नहीं किए गए हैं।
यहां तक की निर्माण कार्यो के दरों का नियमानुसार सही तरीके से पुनरीक्षण न कर गलत दरें निर्धारित की गई। इससे सरकार को 178.36 लाख रुपये की हानि हुई। शासन ने समस्त तथ्यों का परीक्षण कर दोनों को दोषी पाया। इस मसले पर अपने दायित्व का सही प्रकार से निर्वहन न करने और सरकार को हुई वित्तीय हानि को देखते हुए दोनों अधिकारियों की दो वेतन वृद्धि रोकी गई है।
तत्कालीन अधिशासी अभियंता सुशील कुमार गुप्ता पर शासन को हुई हानि के सापेक्ष शेष 50 प्रतिशत के 15 प्रतिशत यानी 13.38 लाख का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, तत्कालीन सहायक अभियंता श्रीकांत शर्मा पर हानि के सापेक्ष शेष 50 प्रतिशत का 35 प्रतिशत यानी 15.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही दोनों अधिकारियों के विरुद्ध चल रही अनुशासनात्मक कार्यवाही समाप्त कर दी गई है।