UK RIVIEW-देहरादूनः पहाड़ में बारिश के कारण सड़कें बंद होने से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। गौरीकुंड हाईवे जहां मलबा और बोल्डर आने से चार स्थानों पर बाधित रहा, वहीं गंगोत्री हाईवे नौ घंटे और यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट के पास सात घंटे बंद रहा। घनसाली-लंबगांव मोटर मार्ग केमुंडाखाल के पास छह घंटे बाधित रहा। चमोली जिले में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हनुमानचट्टी, लामबगड़ तथा रड़ांग बैंड में भारी मात्रा में मलबा आने से यातायात प्रभावित रहा। मार्गो के बाधित होने से स्थानीय लोगों के अलावा यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मंगलवार को भी अलकनंदा व मंदाकिनी नदियां उफान पर रहने से रुद्रप्रयाग जिले में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास रहा। भारी बारिश के कारण ऋषिकेश—बदरीनाथ हाईवे मंगलवार सुबह मलबा आने से बंद हो गया। सोमवार देर शाम को ही हाईवे कई घंटे बंद रहने के बाद खुला था। वहीं चंपावत—टनकपुर हाईवे पर भी चल्थी के पास टिपन टॉप पर भारी मलबा आ गया। बदरीनाथ हाइवे पर नीम बीच में तपोवन से 300 मीटर आगे सुबह साढ़े 6 बजे भूस्खलन से यातायात बाधित हुआ था। 9ः30 पर रास्ता खोल दिया गया था। लेकिल शिवपुरी से 200 मीटर आगे कलतरी में भूस्खलन से फिर हाईवे बंद हो गया। मलबा हटाने का काम जारी है। एनएच के अधिशासी अभियंता मृत्युंजय शर्मा ने बताया कि बारिश के कारण मंगलवार सुबह 8 बजे भूस्खलन हुआ है। मलबा हटवाने का कार्य जारी है। उधर, नैनीताल में भवाली—अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग में पाड़ली की पहाड़ी से मलबा गिरने से रास्ता बंद हो गया। इसके चलते घंटों तक मार्ग बाधित रहा। इस वजह से सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग गई। पुलिस किसी तरह एक—एक कर वाहनों को निकालने में जुटी है। पिथौरागढ़ समेत गढ़वाल और कुमाऊं के कई इलाकों में देर रात से भारी बारिश हो रही है। इसके चलते हाईवे पर भूस्खलन का भी खतरा बना हुआ है।
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