(UK Riview)देहरादून। राज्य के नौकरशाह और राजनेताओं की सांठ-गांठ के चलते तीन राज्यों में वांछित चल रहे जालसाज के खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं हो पा रही है।इस संबंध में कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर उसके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है। इन लोगों का कहना है कि मुकेश जोशी और उनकी पाइन एंड डेवलपर्स कंपनी के काले कारनामे उजागर होने के बाद भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जय उत्तराखंड के अध्यक्ष सचिन उपाध्याय का कहना है कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद नीति नियंताओं ने राज्य की बेहतरी के लिए तमाम तरह की उम्मीदें जनता के मन में जगाई लेकिन राज्य के कुछ अधिकारियों की कारगुजारी से राज्य आज तक उन उन उम्मीदों पर खरा तो नहीं उतर पाया लेकिन उम्मीदों का मकबरा उत्तराखंड में खड़े कर दिए गए। ऐसा ही एक मकबरा देहरादून के रायपुर स्थित राजकीय महाराणा प्रताप स्पोट्र्स काॅलेज का आइस स्केटिंग रिंग का भी है। प्रदेश के खेल मंत्री ने इस आइस स्केटिंग रिंग को मकबरे की संज्ञान दी है। करोड़ों रुपये सरकारी खजाने से लुटाकर यहां के कुछ अधिकारियों ने एक व्यक्ति विशेष के लिए मकबरे का निर्माण किया है। यह आइस स्केटिंग रिंग उत्तराखंड की जनता और खासतौर पर राज्य में खेलों की बेहतरी के दिन देखने की आशा करने वाले लोगों की उम्मीदों के टूटने का पुख्ता प्रमाण बन चुका है। करोड़ों के घोटाले की पृष्टभूमि पर उगाए गए इस आइस स्केटिंग रिंग का वटवृक्ष की कहानी भी कोई कम दिलचस्प नहीं है। राज्य बनने के बाद अचानक एक मुकेश जोशी नाम का व्यक्ति यहां अवतरित हुआ और नौकरशाहों व राजनेताओं के संरक्षण में पत्रकारिता की आड़ में राज्य में लूट खसौट शुरु की। इस व्यक्ति द्वारा नियम विरुद्ध कई बड़े-बड़े ठेके लिए गए, जो निर्माण कार्य किए गए उनमें मानकों की घोर अनदेखी की गई। उनका कहना है कि मुकेश जोशी और उनकी कंपनी पाइन एंड पीक वर्ष 2008 से धोखाधड़ी, षड़यंत्र और कूटरचित दस्तावेजों के अंतर्गत प्रदेश का दोहन कर रहा है। श्री उपाध्याय ने कुछ दिनों पूर्व इस संबंध में सूबे के पर्यटन मंत्री को भी एक पत्र सौंपा था। जिसमें कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच करवाकर जांच आख्या सहित प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।