देहरादून (UK Review) नारी निकेतन में दिव्यांग संवासिनियों से दुष्कर्म और गर्भपात कराने के मामले में नौ आरोपियों को अदालत ने दोषी करार दिया है। शासकीय अधिवक्ता संजीव सिसौदिया ने बताया कि आज देहरादून में अपर जिला जज षष्ठम की अदालत में सभी नौ आरोपियों का दोष सिद्ध हुआ।बताया गया कि दोषियों की सजा पर आगामी सोमवार को बहस होगी। गौर हो कि साल 2015 में नारी निकेतन में मूक बधिर संवासिनी के साथ हुए यौन शोषण का खुलासा हुआ था। मामले का खुलासा होते ही नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। 24 नवंबर 2015 को मुख्यमंत्री के आदेश पर तत्कालीन एसपी सिटी अजय सिंह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी की जांच में नारी निकेतन में संवासिनी पर हुए जुल्म की परतें खुलीं। लगातार हुई कार्रवाई में एक-एक कर अधीक्षिका समेत नौ लोग गिरफ्तार किए गए। पुलिस ने तत्कालीन अधीक्षिका मीनाक्षी पोखरियाल, कर्मचारी अनिता मंदोला, क्राफ्ट टीचर शमा निगार, चंद्रकला क्षेत्री, संविदाकर्मी कृष्णकांत उर्फ कांछा, होमगार्ड ललित बिष्ट, केयर टेकर हाशिम और मुख्य आरोपी सफाई कर्मचारी गुरदास को गिरफ्तार किया था। गुरदास पर आरोप था कि उसने संवासिनी से दुष्कर्म किया, जिसके बाद वह गर्भवती हो गई थी। जबकि, होमगार्ड ललित बिष्ट और केयर टेकर हाशिम ने भी संवासिनी से दुष्कर्म का प्रयास किया था। इस बात का कहीं पता न चले इसके लिए बाकी सभी ने आपराधिक षडयंत्र रचते हुए संवासिनी का गर्भपात कराया और भ्रूण को जंगल में दबा दिया था। शुक्रवार को न्यायालय ने सभी नौ आरोपियों को अलग-अलग धाराओं में दोषी करार दे दिया। सोमवार को बहस के बाद दोषियों को सजा सुनाई जाएगी। सभी दोषियों को न्यायालय परिसर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।