देहरादून,(UK Review) । शनिवार तड़के पिथौरागढ़ और चमोली जिले में तीन इलाकों में बादल फटने से एक बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि चार लोग घायल हो गए। 100 से ज्यादा घरों, होटलों और दुकानों में बरसाती नालों के उफान के साथ आया मलबा घुस गया। 40 से 50 आवासीय भवन और छह गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। एसडीआरएफ टीम ने मलबे में दबे लोगों और मवेशियों को रेस्क्यू किया। राजस्व विभाग की टीमें क्षति का आकलन कर रही हैं। बदरीनाथ मार्ग अवरुद्ध होने के चलते करीब डेढ़ हजार श्रद्धालु विभिन्न पड़ावों पर फंसे हुए हैं।कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़ जिले की मुनस्यारी तहसील के तल्ला जोहार के टिमटिया क्षेत्र में सुबह करीब तीन बजे बादल फटने से बरसाती गदेरे में उफान आ गया। इससे एक आवासीय मकान ध्वस्त हो गया, उसमें रह रहे 60 वर्षीय रामसिंह की मौत हो गई। उनकी पत्नी धनी देवी पड़ोसी महिला चंद्रा देवी घायल हो गए। क्षेत्र के तीन दर्जन से ज्यादा घरों में मलबा और पानी घुस आया। एक दर्जन से अधिक जानवर मलबे में दफन हो गए। भुजगड़ नदी के उफान पर आने से एक मैक्स जीप और दो मोटरसाइकिल बह गई हैं।तीन दर्जन के आसपास मकान क्षतिग्रस्त हो गए और करीब इतने ही मकान खतरे की जद में आ चुके हैं। रातीगाड़ के पास थल-मुनस्यारी मार्ग की करीब सात सौ मीटर सड़क नदी में समा गई है। दूसरी तरफ, बागेश्वर जिले में कपकोट के सूङ्क्षडग गांव में अतिवृष्टि ने जमीन धंसने लगी। लोगों ने घरों से भागकर सुरक्षित स्थानों का रुख किया। यहां 12 मकान खतरे की जद में आ गए हैं। यहां सरयू नदी के उफान को देखते हुए प्रशासन नदी किनारे बसें लोगों की निगरानी कर रहा है। टनकपुर-चम्पावत हाईवे मलबा आने के कारण सुबह दो घंटे बंद रहा। नैनीताल में सुबह से कोहरा छाया हुआ है।