रुद्रप्रयाग, UK Review। चारधाम परियोजना संघर्ष समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक सरकार प्रभावित व्यवसायियों व भवन स्वामियों को मुआवजा और उनके रोजगार के लिए मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण नहीं कर देती, तब तक भवनों पर हाथ नहीं लगाने दिया जाएगा। इसके साथ ही समिति ने निर्णय लिया है कि 24
नवंबर को रुद्रप्रयाग में एक बैठक आहूत की जाएगी, जिसमें जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को बुलाया जाएगा।
बद्री-केदार मंदिर समिति में आयोजित चारधाम परियोजना संघर्ष समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मोहित डिमरी ने कहा कि अधिकतर व्यापारी लोन लेकर अपना रोजगार चला रहे हैं। आज उनके सामने बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है। उनके सामने अपने परिवार के भरण-पोषण और सिर छुपाने के लिए छत की चिंता है। उन्होंने कहा कि पूर्वजों ने बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा की है और आज उनके वंशजों को खदेड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुआवजा मिले बिना कोई भी दुकान-मकान खाली नहीं होगा। व्यापारी लक्ष्मण भंडारी, जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि सरकार ने जोर-जबर्दस्ती की तो इसका विरोध किया जाएगा। व्यापारियों और भवन स्वामियों के हक की लड़ाई जारी रहेगी। सह कोषाध्यक्ष कृष्णानंद डिमरी, केपी ढोंडियाल ने कहा कि 24 नवंबर को सभी प्रभावित बैठक करेंगे। जिसमें सांसद, दोनों स्थानीय विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख, जिलाधिकारी, एसडीएम को भी निमंत्रण दिया जाएगा। इस मौके पर व्यापार संघ अध्यक्ष कांता नौटियाल, कोषाध्यक्ष बुद्धिबल्लभ ममगाई, रामलाल चैधरी, मगनानंद भट्ट, देवेंद्र सिंह कप्रवान, प्रेम बल्लभ, लक्ष्मण भंडारी, मनवर सिंह, राजकिशोर कुंवर, हिमपाल सिंह भंडारी, रामानंद नौटियाल, महेंद्र सिंह कठैत, दर्शन सिंह, बादल रावत समेत कई व्यापारी मौजूद थे।