हरिद्वार, UKR गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में पाँच दिवसीय कन्या-किशोर कौशल अभिवर्धन प्रशिक्षण शिविर का आज समापन हो गया। इस शिविर में हिमाचल प्रदेश के सोलन, शिमला, सिरमौर, कांगडा व मंडी जिलों की चयनित बहिनें शामिल हैं।
प्रतिभागियों से भेंट परामर्श के क्रम में गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉ प्रणव पण्ड्या व शैलदीदी ने कहा कि नारी अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की स्थिति में आ गयी है, उन्हें अबला नहीं कहा जा सकता। नारियाँ प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। उन्हें इतिहास से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने के साथ नये समाज की संरचना करने को भी तैयार होना चाहिए।
शिविर के समापन सत्र को संबोधित करते हुए शांतिकुंज महिला मण्डल की प्रमुख श्रीमती यशोदा शर्मा ने कहा कि आज के किशोर देश के भावी कर्णधार हैं, जिनका निर्माण तदनुसार ही किया जाना चाहिए। यह अवस्था शारीरिक बदलाव के साथ-साथ मानसिक बदलाव की भी है। इस दौरान सही मार्ग दिखाने की जरूरत है। श्रीमती शर्मा ने कहा कि किशोरों को जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव कर सादा जीवन उच्च विचार का मंत्र सिखाना चाहिए, जो आज की परिस्थितिजन्य कारणों के अनुसार आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिविर के दौरान यहाँ से मिले मार्गदर्शन को व्यावहारिक जीवन में उतारेंगे, तो निश्चय ही परिवार, समाज की उन्नति होगी।
पाँच दिन तक चले इस प्रशिक्षण शिविर में किशोरावस्था और आधुनिक जीवनशैली, व्यक्तित्व परिष्कार, जीवन लक्ष्य, जीवन निर्माण का विज्ञान, पारिवारिक उत्तरदायित्व, कर्मफल का सुनिश्चित सिद्धांत, स्वास्थ्य संरक्षण सहित चैबीस सत्र में विभिन्न विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गयी। शिविर को सुधा महाजन, डॉ. रश्मि शर्मा, डॉ अलका मिश्रा, शालिनी वैष्णव, नीलम मोटलानी आदि विषय विशेषज्ञों ने संबोधित किया।