हरिद्वार। उत्तराखंड नवोदित राज्य है और धर्म और विज्ञान का संगम माना जाता है। जिस तरह से धर्म और आध्यात्म को नवीन अनुसन्धान करने की अपार सम्भावना है, उसी तरह से विज्ञान और जडी बूटियों को लेकर वैज्ञानिक शोध किये जा सकते हैं। उत्तराखंड में ज्ञान और विज्ञान को लेकर शोध की प्रमाणिकता दुनिया को दिशा देने का काम किया है। आयुर्वेद के जनक चरक ने इस देवभूमि पर पर्दापण किया है। संस्कृत भाषा के पाणिनी कालिदास ने यहाँ पर ही जन्म लिया है। हिंदी व्याकरण भाषा के पाणिनि किशोरी दास बाजपेयी ने हरिद्वार को हिन्दी का सृजनास्थल बनाया है। अब बात आती है कि उत्तराखंड को वैज्ञानिक शोधों की धारा से पल्लवित करने की दिशा में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। अध्याय यह है कि गुरुकुल कांगड़ी विश्व विद्यालय और उत्तरखंड काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी(यूकोस्ट ) के बीच ष्एम ओ यूष् साइन हुआ है। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय और यूकोस्ट दोनों परस्पर उत्तराखंड राज्य में विज्ञान के क्षेत्र में नए युवा वैज्ञानिक तैयार करने पर कार्य करेंगें। उत्तरखंड काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूकोस्ट) के महानिदेशक डा राजेन्द्र डोभाल ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी विश्विद्यालय में विज्ञान विषयों में शोध कार्य करने वाले शोधर्थियों को एक नया पायदान मिलेगा। प्रो रूप किशोर शास्त्री ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के विज्ञान विषयों में शोध कार्य अच्छी स्थिति में हो रहा है। शोध की गुणवत्ता को देखते हुए उत्तरखंड काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी(यूकोस्ट ) के साथ करार किया गया है जिससे यहाँ के शोधार्थी और प्राध्यापक शोध का उन्नयन कर सकें। यूकोस्ट के साथ एम् ओ यू साइन होने से बजट की बहुत सारी दिक्कते खत्म हो जायेंगी द्य इस कार्य को अंजाम देने में प्रोफेसर पंकज मदान और डा हेमवती नंदन का विशेष सहयोग रहा है। युवा कम्प्यूटर विज्ञानी डा श्वेतांक आर्य ने कहा कि अब कम्प्यूटर के क्षेत्र में नयी-नयी खोजे हो रही है द्यउन विषयों पर शोध कार्य कराना बहुत ही मुश्किल था। अब यूकोस्ट के साथ यह समझौता होने से ष्इन्टरनेट आफ थिंग्सष् विषयों की प्रमुखता बढ़ जायेंगी द्यवेद और कम्प्यूटर को लेकर शोध परियोजना को तैयार कर यूकोस्ट भेजा जा सकता है द्ययूकोस्ट विश्वविद्यालय को सेमीनार , कार्य शाला और संगोष्ठी आयोजित कराने को धन आंवटन कर सकती है। विश्वविद्यालय और उत्तरखंड काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी(यूकोस्ट) के मध्य एम् ओ यू की बैठक साइन होने के समय वरिष्ठ वैज्ञानिक आशुतोष मिश्रा, प्रो प्रो श्रवण कुमार शर्मा ,राकेश शर्मा , प्रो ज्ञान चन्द्र रावल , प्रो अम्बुज शर्मा, डा सोहन पल सिंह आर्य ,प्रो आर सी दुबे ,प्रो नवनीत , प्रो प्रकाश जोशी ,प्रो प्रभात कुमार ,डा एल पी पुरोहित , डा अजय मलिक, डा आर के एस डागर ,डा एस के श्रीवास्तव , डा राकेश भुटीयानी,डा उधम सिंह, विजेंद्र सिंह ,दीपक वर्मा ,रमेश चन्द्र और दीपक आननद आदि मौजूद थे।
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