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कोरोना वायरस के प्रभाव के कारण समाज और व्यवसाय में अकल्पनीय व्यवधान आया

देहरादून। कांउसिल ऑफ इण्डिया (पीआरसीआई) देहरादून चैप्टर के राष्ट्रीय प्रतिनिधि पंकज तिवारी का कहना है कि कोरोना कोविड-19 प्रकोप से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्र सेवा उद्योग हैं जो अपनी अधिकतर बिक्री के लिए पारंपरिक खुदरा बिक्री पर भरोसा करते हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारीयो ने लोगो से सुरक्षित दुरी बनाये रखने को कहा है। इस वजह से जो उद्योग बड़े स्तर पर जनसमूह से जुड़े हुए हैं वे भी प्रभावित हुए हैं। मीडिया और संचार उद्योग कोरोनावायरस के प्रभाव से अछूता नहीं है। यह पारंपरिक मीडिया के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पेश कर रहा है और रोजमर्रा की जिंदगी में डिजिटल प्रौद्योगिकियों के एकीकरण की ओर बढ़ रहा है।
कोरोनावायरस उन सभी को बढ़ावा दे रहा है जो ऑनलाइन या न्यूनतम मानव संपर्क के साथ किया जा सकता है-जैसे किराने की डिलीवरी, ऑनलाइन सीखना, भोजन की डिलीव, वीडियो स्ट्रीमिंग आदि। अपने घरों तक ही सीमित भारतीय युवा और माता-पिता दोनों अब अपने स्मार्ट फोन पर अधिक समय बिता रहे हैं। इससे डिजिटल मीडिया की खपत बढ़ रही है और मीडिया घरानों को अपनी डिजिटल सामग्री का मुद्रीकरण और राजस्व के लिए पारंपरिक मीडिया पर निर्भरता कम करने के लिए प्रेरित किया है। यह महामारी उद्योग-व्यापी व्यवधान के साथ व्यापक सामाजिक बदलाव ला रही है जिससे आर्थिक परिवर्तन के लिए एक नया माहौल बन रहा है। अपने आप को बचाने के लिए हम जो उपाय कर रहे हैं, वे भविष्य में हमारे जीने, काम करने, पूजा करने और खेलने के तरीकों को स्थायी रूप से बदल सकते हैं। इस दौरान, व्यवसाय कई प्रकार की समस्याओं से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे है, बिक्री में भारी गिरावट और कर्मचारियों को स्वस्थ रखने के लिए आपूर्ति श्रृंखला को रोकना और सुनिश्चित करना कि कर्मचारि काम जारी रख सकें। कई संगठन मौलिक परिवर्तन करते हुए स्थिर संगठनात्मक संरचनाओं की जगह गतिशील संगठन के रूप काम कर रहे है। संगठन इस अनिश्चित और तेजी से बदलती स्थिति का सामना करने के लिए कम समय में कई परिवर्तन कर रहें है। इसमें प्रभावशाली तरीके से यात्रा को कम करना, कर्मचारियों के लिए घर से काम करने के ज्यादा अवसर और लोगो से संपर्क कम करके और कार्यस्थल की स्वच्छता में सुधार के लिए व्यावसायिक कार्यों में बदलाव शामिल हैं। इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए प्रौद्योगिकी ने व्यवसायों के लिए नए अवसर सामने लाये हैं। सोशल मीडिया ऐप जिन्हें मनोरंजन के स्रोत मात्र के रूप में देखा गया, वे संचार के प्राथमिक साधन बन गए हैं। अब इसे समाचार साझा करने के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है और सरकारों को लोगों तक पहुंचने के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुआ है। न्यूज ऐप्स ने 8 प्रतिशत अधिक उपयोगकर्ता देखे हैं और ऐसे ऐप पर औसतन समय 32 मिनट तक बढ़ गए हैं। यह मीडिया हाउसों को कई माध्यमों से ग्राहकों तक पहुंचने और पाठकों के बीच इन माध्यमों को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। संगठन दूर से संचालित करने और व्यवसायों का संचालन करने के लिए अब प्रौद्योगिकी को अधिक प्रभावी ढंग से अपना रहें हैं। यह आमने-सामने की बैठकों को कम करने और उत्पादकता को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर रहा है।

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