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उत्तराखण्ड के लोगों को ट्रेन से लाने के खर्च को वहन करेगी राज्य सरकार

देहरादून। मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार दूसरे राज्यों से उत्तराखण्ड लौटने के इच्छुक प्रवासियों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। लगभग 1 लाख 64 हजार लोगों ने इसके लिए पंजीकरण कराया है। अभी तक 7300 लोगों को दूसरे राज्यों से लाया जा चुका है जबकि 8146 को राज्य के भीतर ही एक जिले से दूसरे जिले में भेजा गया है। जो भी उत्तराखण्ड लौटना चाहते हैं, उन्हें वापस लाया जाएगा। थोड़ा संयम और धैर्य रखने की जरूरत है। तमाम तरह की सावधानियां बरतनी होती है। इसलिए एक साथ इकट्ठा सबको नहीं लाया जा सकता है। स्वास्थ्य परीक्षण, वाहनों की व्यवस्था, रूकने की व्यवस्था आदि बातें देखनी होती हैं। सरकार इस काम में दिन रात लगी है। पूरा काम सुनियोजित तरीके से किया जाना है। हरियाणा से 1500 लोगों को निजी वाहन से आने की अनुमति दी गई है। यहां बसें भी भेजी जाएंगी। उदयपुर व जम्मू से 400-400 लोगों को लाने की व्यवस्था की जा रही है।
गुजरात व महाराष्ट्र को सूचना दी गई है कि सूरत, अहमदाबाद व पुणे से लोगों को ट्रेन से लाया जाना है। हमारी रेल मंत्रालय से बात हो चुकी है। संबंधित राज्यों को भी रेल मंत्रालय से बात करनी है। उत्तराखण्ड के लोगों को ट्रेन से लाने में जो भी व्यय आएगा, उसका वहन उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किया जाएगा। केरल के दो शहरों से भी लगभग 1000 लोगों को लाया जाना है। भारत सरकार द्वारा विदेशों से भारतीय नागरिकों को लाने की व्यवस्था की जा रही है। इनमें उत्तराखण्ड का व्यक्ति होने पर विदेश मंत्रालय द्वारा हमें अवगत कराया जाएगा। इसके लिए हमने एसओपी तैयार कर ली है। मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले दो दिन से प्रदेश में कोई भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं आया है। वर्तमान में कुल पॉजिटिव केस 61 हैं, इनमें से 39 रिकवर हो चुके हैं जबकि 21 एक्टीव केस हैं। इनमें भी सभी की स्थिति सामान्य है। एक महिला जिसकी मृत्यु हुई है, उन्हें काफी क्रिटीकल हालत में एम्स ऋषिकेश में लाया गया था, बाद में जांच में इन्हें कोरोना संक्रमित पाया गया। परंतु उनकी मृत्यु अन्य कारण से हुई है। अभी तक कुल 7784 टेस्ट की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इनमें से 7723 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। प्रदेश में कोरोना मामलों के दोगुने होने की दर में लगातार सुधार हो रहा है। आज के दिन हमारी डबलिंग रेट 47 दिन है। इस दृष्टि से हम देश के अग्रणी राज्यों में हैं। यहां के कुल कोराना पॉजिटिव मामलों में 85 प्रतिशत पुरूष हैं जबकि 15 प्रतिशत महिलाएं हैं। इसमें भी अधिकांश युवा हैं। इसलिए हमारे यहां रिकवर होने की अधिक सम्भावना है। देश में भेजे गए सेम्पल के सापेक्ष पॉजिटिव केस 3.86 प्रतिशत है जबकि राज्य में यह 0.78 प्रतिशत है। हमारी मृत्यु दर भी राष्ट्रीय औसत से लगभग आधी है। हालांकि ये मृत्यु भी प्रत्यक्ष रूप से कोरोना से नहीं हुई है। अभी तक प्रदेश में कोरोना को काफी हद तक नियंत्रित रखा गया है।

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