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कोरोना संकट -उत्तराखंड में पुष्प उत्पादन की सफल पहल

वरिष्ठ पत्रकार अविकल थपलियाल की कलम से

थत्यूड़ से 6 जून को दिल्ली भेजे गए लिलियम फूल की पहली खेप

किसानों को उचित दाम मिलेंगे

स्थानीय कृषकों ने 60 नाली बंजर भूमि को खेती योग्य बनाया
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कोरोना लॉकडौन में उत्तराखंड के थत्यूड़, जौनपुर इलाके में लिलियम के फूल खिले। और आज करीब 300 किलोमीटर दूर दिल्ली मंडी तक पहुंचा भी दिए। स्थानीय युवाओं की इस पहल के बेहतर दाम मिलेंगे। स्वरोजगार की दिशा में इस पिछड़े इलाके से निकली लिलियम और gladulus फूलों की खुशबू बहुत दूर तक जाएगी।
दरअसल, पर्वतीय क्षेत्रों में छोटी छोटी बिखरी हुई कृषि जोतों के कारण खेती में कई समस्याएं आती हैं । चकबंदी न होना अभी भी उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में एक प्रमुख समस्या है। इस कारण से कई बार युवा खेती की ओर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं । आज आवश्यकता है कि इस तरह के उदाहरण प्रदर्शित किए जाएं जो जो चकबंदी की समस्या का समाधान प्रस्तुत करें और एक नई कृषि पद्धति को पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ावा दें|
उत्तराखंड विकेंद्रीकृत जलागम विकास परियोजना टिहरी जनपद के जौनपुर विकासखंड में चल रही है । इस योजना के द्वारा स्थानीय कृषकों को पूरा सहयोग प्रदान किया जा रहा है। ग्राम पंचायत पापरा के कुछ युवा कृषकों के समूह को सामूहिक रूप से खेती किए जाने हेतु परियोजना द्वारा प्रोत्साहित किया गया । पांच कृषकों के समूह ने रविंद्र चमोली नेतृत्व में ग्राम पापरा के सिरवा टोक में सालों से बंजर पड़ी भूमि को किराए पर लेकर जलागम परियोजना के सहयोग से एक सामूहिक कृषि फार्म का प्रारंभ इस वर्ष माह जनवरी से किया गया। 60 नाली बंजर भूमि को किसानों ने स्वयं अपनी मेहनत से खेती योग्य बनाया और अपने इस फार्म का नाम यूथ एग्रो फार्म रखा|जलागम परियोजना ने इस 60 नाली भूमि में समेकित खेती को किए जाने हेतु किसानों को मार्गदर्शन एवं तकनीकी सहयोग के साथ-साथ कृषि निवेश की उपलब्धता भी सुनिश्चित की|पर्वतीय क्षेत्रों में पुष्प उत्पादन एक महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि साबित हो सकती है अगर इसे सही समय और तकनीक से रूप से किया जाए. परियोजना ने जौनपुर क्षेत्र में प्रथम बार लिलियम एवं gladulus फूलों की खेती को प्रोत्साहित करने हेतु प्रथम बार पुष्प उत्पादन का कार्य कृषकों को प्रोत्साहित कर प्रारंभ किया| 100 वर्ग मीटर के दो बांस के पॉलीहाउस जो कम लागत के हैं । इनमें 3900 लिलियम के ओरिएंटल प्रजाति के बीजों को 20 फरवरी 2020 मैं रोपित किया गया। साथ ही साथ ही 25000 gladulus बल्ब भी क्षेत्र मैं रोपित किए गए। कृषकों की मेहनत से लगभग 4 माह पश्चात लिलियम के फूल बिक्री हेतु तैयार हो चुके थे परंतु कोविड-19 के कारण हुए लॉक डाउन से फूलों की बिक्री पर संशय बना हुआ था। परंतु अंततः 6 जून को कृषकों द्वारा 3500 लिलियम फूलों को दिल्ली विक्रय हेतु भेजा गया है।युवा कृषि अधिकारी नवीन बर्फाल द्वारा थत्यूड़ में किसानों की आजीविका संवर्धन के लिये लिलेनियम की कल पहल खेप दिल्ली भेजी है । आशा है कि किसानों को उचित दाम मिलने की।कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों में किसानों को थोड़ा राहत मिली है। और यह भरोसा हुआ है कि वे इस प्रकार की खेती कर दिल्ली से बेहतर दाम ले सकते हैं।

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