उत्तराखंड के चारधामों की यात्रा दर्शन के लिये अभी स्थानीय लोगों को ही अनुमति मिलने के तहत गुरुवार को 92 लोगों ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए।इनमें सभी बदरीनाथ के बामिणी, नागणी , माणा गजकोटी के रहने वाले हैं। सभी 92 लोगों ने सोसल डिस्टेंसिंग का सम्मान करते हुये देवस्थानम बोर्ड के दिशा निर्दशों के अनुसार भगवान के दर्शन किए। मंदिर के सभा मंडप के मुख्य द्वार से दर्शनाथियों ने दर्शन किये। जो मंदिर के गर्भ गृह और नुष्ठान अभिषेक के लिये बैठने वाले स्थान से दूर है।भगवान के दर्शन करने वाले स्थानीय नागणी के बदरी लाल कहते हैं भगवान के दर्शन पाकर जीवन धन्य हुआ। माणा के प्रधान पीताम्बर मोल्फा ने कहा भगवान के दर्शन करते समय विश्व को कोरोना से मुक्त करने की प्रार्थना की।
सिर्फ स्थानीय लोगों को है दर्शन की अनुमति
मंदिर के दर्शन के लिये स्थानीय ग्रामीणों और नगर पंचायत बदरीनाथ के मूल निवासियों के लिये अनुमति है। देवस्थानम बोर्ड के कर्मचारी मंदिर के निकट कक्ष में दर्शन करने जा रहे स्थानीय लोगों का चिह्नीकरण कर रहे हैं।जिन स्थानीय लोगों के चिह्नीकरण में दिक्कत हो रही है उनसे पहचान पत्र और आधार कार्ड भी लिया जा रहा है। दर्शनार्थियों के नाम रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है ।
गंगोत्री-यमुनोत्री में दूसरे दिन भी नहीं पहुंचे श्रद्धालु
उत्तरकाशी । उत्तराखंड के चार धामों में स्थानीय लोगों को मंदिर के दर्शन की अनुमति के निर्णय के क्रम में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में दूसरे दिन भी श्रद्धालु नहीं पहुंचे।इससे धाम में सन्नाटा पसरा हुआ है। बुधवार को प्रदेश सरकार ने स्थनीय लोगों को चारधाम यात्रा करने की छूट दी। लेकिन इस छूट का चारधाम यात्रा पर कोई प्रतिकूल असर नहीं दिखाई दिया।एसडीएम भटवाड़ी के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार दूसरे दिन भी किसी स्थानीय लोगों ने गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में लिए कोई आवेदन नहीं किया।जिससे दोनों धाम में सन्नाटा पसरा रहा। वहीं गंगा पुरोहित सभा के अध्यक्ष पवन सेमवाल ने डीएम को ज्ञापन प्रेषित कर सरकार के इस निर्णय का विरोध जताया है।