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आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के खाते में एक-एक हजार रु की सम्मान राशि दी जाएगीः सीएम

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने घोषणा की है कि प्रत्येक आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्रि के खाते में एक-एक हजार रूपए की सम्मान राशि दी जाएगी। इनकी संख्या 50 हजार से अधिक है। कोविड-19 के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और पर्यावरण मित्रों के वेतन से अब एक दिन के वेतन की कटौति नहीं की जाएगी। हालांकि इनके द्वारा सहयोग किया जा रहा था। पर्यावरण मित्रों ने तो स्वयं एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया था। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अल्मोड़ा विधानसभा क्षेत्र की वर्चुअल रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में अभूतपूर्व निर्णय लिए। प्रधानमंत्री जी ने धारा 370 हटाने का ऐतिहासिक काम किया। पं. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने देश की एकता व अखण्डता के लिए बलिदान किया। उनके एक देश एक विधान के नारे को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने साक्षात किया। अयोध्या में सैंकडों वर्षों से संघर्ष चल रहा था। प्रधानमंत्री जी ने इसका समाधान निकाला, जल्द ही भव्य राममंदिर का निर्माण होगा। वन नेशन वन राशन कार्ड को सम्भव बनाया। प्रधानमंत्री जी जब 2014 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने डिजीटल इंडिया की परिकल्पना की। आज इसके परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। आने वाले एक-डेढ़ वर्षों में उत्तराखण्ड  का हर गांव आप्टिकल फाईबर से जुड़ जाएगा, भारत नेट के अंतर्गत भारत सरकार ने प्रदेश के लिए 2 हजार करोड़ रूपया स्वीकृत किया है। तीन तलाक पर रोक लगाकर मुस्लिम बहनों को आजादी व सम्मान देने का काम किया। किसान निधि, 10 करोड़ परिवारों को आयुष्मान योजना में 5 लाख रूपए वार्षिक की हेल्थ कवरेज, कृषि, शिक्षा, उद्योग सहित तमाम क्षेत्रों में भारत इन वर्षों में मजबूत हुआ है। देश की जनता के विश्वास को कायम रखा। कोविड-19 ने पूरे विश्व को अपने घेरे में लिया है। अमरीका, इटली, स्पेन इससे बचे न रह सके। लेकिन प्रधानमंत्री जी के दूरदर्शी निर्णय से लाखों जीवन बचाए जा सके हैं। गरीबों के घर में बिजली, गैस का चूल्हा, बेघरों को घर जैसे काम हो रहे हैं। भारत सरकार ने 2024 तक हर घर को नल से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने की योजना प्रारम्भ की है। उत्तराखण्ड में इस पर मिशनरी मोड में काम कर रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में भी पेयजल की योजनाएं प्रारम्भ की हैं। नदियां, तालाब को पुनर्जीवित कर रहे हैं। कोसी पुनर्जीवन का काम जनसहयोग से किया जा रहा है। इस अभियान को राष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया गया। बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया गया। रिस्पना टू ऋषिपर्णा अभियान भी सफलतापूर्वक चलाया गया।

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