लैन्सडौन। आजादी के लगभग 72 साल बाद गांव में सड़क आने की खुशी क्या होती है यह रिखणीखाल ब्लाक के सीमांत गांव बुलेखा के निवासियों के चेहरों पर साफ पढ़ी जा सकती है। पिछले कई दशको से बुलेखा गांव में सड़क आने की बाट जोह रहे बुलेखा गांव में जब जेसीबी मशीन पंहुची तो गांववासी खुशी से झूम उठे और सडक निर्माण मे लगे मजदूरों का स्वागत फूल-मालाओं से कर दिया।
गौरतलब है कि लैन्सडौन तहसील के इस गांव में सड़क न होने के कारण यहां का जनजीवन कई चुनौतियों को समेटे हुआ था जिसके चलते क्षेत्रीय जनता पिछले कई दशको से उपरोक्त मोटर मार्ग को बनाने की मांग कर रही थी। भविष्य में विचला बदलपुर में विकास के नये आयाम जोड़ने वाली इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कराया जा रहा है। कोटद्वार डेरियाखाल बीरोंखाल मोटर मार्ग के ढाब खाल से शुरू होने वाले इस मोटर मार्ग की लंबाई लगभग 14 किलोमीटर है। गांव में जेसीबी पहुंचने पर बुलेखा खाल में ग्रामीणों ने एकत्रित होकर एक सामारोह आयोजित किया। जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश चंद्र सकलानी, जगदीश प्रसाद सकलानी, ग्राम प्रधान संतोष कुमार, गांव के वरिष्ठ नागरिक मुरलीधर सकलानी, कांता प्रसाद सकलानी, कलीराम सकलान, आदित्यराम वेदवाल, हरिप्रसाद बेलवाल, पूर्व प्रधान खनेता तल्ला गौर सिंह रावत, पूर्व प्रधान मंज्याडी श्रीकृष्ण भारद्वाज व सामाजिक कार्यकर्ता श्री सीताराम डुकलान के अलावा महिला मंगल दल बुलेखा व बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।