भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के निर्वाचित गढ़वाल बोर्ड मेंबर डा. महेंद्र राणा ने परिषद के अध्यक्ष डा. दर्शन कुमार शर्मा से पत्र लिखकर अपील की है कि परिषद को जड़ी बूटी मंडी की स्थापना कर, उत्तराखंड के किसानों एवं आयुर्वेदिक औषधि निर्माताओं के बीच सेतु की भूमिका निभानी चाहिए।
डा. राणा के अनुसार हमारे पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से बहुत ही उच्च गुणवत्तापूर्ण जड़ी बूटियां उगती हैं और अगर हमारे किसान इन जड़ी बूटियों का प्रशिक्षित व्यावसायिक उत्पादन करते हैं तो इससे उनकी आर्थिक स्थिति तो मजबूत होगी ही साथ ही साथ हमारा प्रदेश भी जड़ी बूटी उत्पादन एवं निर्यातकों की श्रेणी में देश के अग्रणी राज्यों में आ जायेगा । डा. राणा ने वर्तमान परिस्थितियों पर चिंता जाहिर करते हुये बताया कि इस समय जो किसान औषधीय पादपों की खेती करने का प्रयास करते भी हैं उन्हें कोई मंडी न होने के कारण खरीददार न मिलने पर जड़ी बूटियों का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है जिससे हतोत्साहित होकर वो आगे से इनके उत्पादन का इरादा ही त्याग देते हैं । अगर प्रदेश के किसानों को सब्जी मंडी की तर्ज पर गढ़वाल एवं कुमाऊँ में जड़ी बूटी मंडी मिल जाये तो न सिर्फ विक्रेता किसानों को बल्कि क्रेता आयुर्वेदिक औषधि निर्माताओं को भी एक ही स्थान पर यह सुविधा मुहैया हो जाएगी । जब हमारे किसानों को उनकी उगाई हुई औषधीय जड़ी बूटियों के उचित दाम एवं खरीददार मिलेंगे तो निश्चित ही पहाड़ के किसान एवं शिक्षित नौजवान बेरोजगार पहाड़ों से पलायन के बजाय जड़ी बूटी उत्पादन को स्वरोजगार के रूप मे अपनाकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसरित होंगे ।