देहरादून। सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में महात्मा गांधी नरेगा आजीविका साधन पैकेज के रूप में उपलब्ध कराने विषयक बैठक संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बेरोजगारों के लिए आजीविका के साधन बढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए है। उन्होंने आजीविका साधन पैकेज के संबंध में शीघ्र शासनादेश जारी करने के निर्देश दिए तथा शासनादेश में अन्य विभागों यथा कृषि, पशुपालन, डेयरी विभागों की भी योजनाओं को शामिल करने के निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव ने कहा कि समस्त कृषि एवं ग्रामीण रोजगार से जुड़े विभाग यथा कृषि, पशुपालन, डेयरी आदि विभाग अपनी योजनाओं से लाभार्थियों के लिए अवस्थापना सुविधाओं के विकास में मनरेगा से अधिक से अधिक धनराशि का उपयोग कराना सुनिश्चित करें।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 2020-21 में मनरेगा में निर्धारित लक्ष्य 710 करोड़ रूपये में से 35 प्रतिशत तक आजीविका साधन पैकेज में उपयोग किया जाए। जबकि यह बजट 23 प्रतिशत प्रस्तावित था। इससे लगभग 218 करोड़ रूपये का धन ग्रामीण बेरोजगार युवाओं के आजीविका के साधनों के लिए उपयोग किया जाएगा। वर्तमान पैकेज में भूमिहीन परिवारों को कुक्कट पालन, मछली पालन आदि गतिविधियां संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों में धन उपलब्ध कराया जाएगा। भूमिहीन परिवारों को योजना में रू0 41 हजार तथा अन्य श्रेणियों में रू0 99 हजार की परिसम्पत्ति प्रस्तावित है। भूमिहीन जॉब कार्ड धारक परिवारों को प्राथमिकता में तथा एस.ई.सी.सी ( ैवबपव म्बवदवउल ब्ंेजम ब्मदेने) में स्वतः सम्मिलित परिवार को द्वितीय वरीयता एवं 01 से 03 नाली वाले भूमिधारक परिवार एवं इससे अधिक भूमि धारण श्रेणी के एस.सी.ध्एस.टी. एवं प्रवासियों को प्राथमिकता के आधार पर लाभान्वित किया जाएगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव कृषि एवं पशुपालन श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, अधिशासी अधिकारी मनरेगा एवं अपर सचिव श्री उदय राज तथा राज्य परियोजना समन्वयक श्री मोहम्मद असलम सहित कृषि, पशुपालन, डेयरी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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