देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल ने ऊर्जा निगमों में निदेशक के पदों पर निगम में कार्यरत महाप्रबंधकों में से ही पदोन्नति दिए जाने की मांग की है। यूकेडी ने आरोप लगाया कि जिस अधिकारी को बाहर से लाने की कोशिशें की जा रही हैं उस पर अनियमितताओं के अनेक आरोप हैं। ऐसे दागदार अफसर को राज्य की जनता स्वीकार नहीं करेगी।
उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में यूकेडी के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि राज्य की विषम भौगौलिक परिस्थितियों से यहां के अधिकारी भलीभांति परिचित हैं। उन्होेंने कहा कि उत्तराखंड को किसी भी कीमत पर लूटने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए यूकेडी आर-पार की लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार केंद्र में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर कार्य कर रही है। राज्य सरकार भ्रष्ट अधिकारियों का आयात कर रही है, उनको भ्रष्टाचार करने के लिए उत्तराखंड में रेड कारपेट बिछाए जा रहे हैं। उत्तराखंड उर्जा निगम में ऊपरी स्तर पर जमकर भ्रष्टाचार है, यह किसी से छुपा नहीं है। राज्य सरकार पिटकुल में निदेशक वित्त जैसे महत्वपूर्ण पद पर बाहरी व्यक्ति सुरेंद्र बाबर को बैठाने का प्रयास कर रही है, जो दिल्ली भाजपा की पसंद है। इसके खिलाफ पूर्व में ट्रांसको दिल्ली सरकार के उपक्रम में गलत ढंग से वित्त निदेशक बनने एवं भ्रष्टाचार के आरोप विद्यमान हैं, जिनको उच्च न्यायालय ने भी माना है। वहां से अपने बचाव में यह विवादित अधिकारी पैसे की लेन-देन कर उत्तराखंड को अपनी ऐशगाह बनाना चाहता है, लेकिन उक्रांद इसको किसी कीमत पर यहां निदेशक वित्त के पद पर नहीं बैठने देगा। पत्रकार वार्ता को यूकेडी के केंद्रीय महामंत्री जयप्रकाश उपाध्याय ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के निगमों में एक से बढ़कर एक होनहर अधिकारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं उनको सरकार महत्वपूर्ण पदों पर बैठा सकती है, जिससे सरकार को कई लाभ होंगे। जयप्रकाश उपाध्याय ने कहा कि संविदा अथवा प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों को बुलाने से राज्य पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ तो पड़ता ही है, साथ में जमकर भ्रष्टाचाार भी बाहरी व्यक्ति करते हैं, जिसका खामियाजा राज्य एवं जनता को भुगतना पड़ता है, जनता से बिजली के बिलों की बढ़ोत्तरी कर वसूला जाता है। इस मौके पर महानगर अध्यक्ष सुनील ध्यानी, जिलाध्यक्ष विजय बौड़ाई, लताफत हुसैन आदि उपस्थित रहे।