देहरादून। राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कर्मचारी पदोन्नति परित्याग नियमावली को मंजूरी मिल गई है। कार्मिक विभाग की इस नियमावली में तीन लाख से अधिक कर्मचारी आएंगे। पदोन्नति के साथ तबादला होने पर तबादले से बचने के लिए कई कर्मचारी पदोन्नति को छोड़ देते थे। इससे पदोन्नति का पद रिक्त नहीं होता था और नीचे की श्रेणी के कर्मचारी परेशान होते थे। अब अनिवार्य रूप से तबादला होगा और प्रमोशन छोड़ने पर पद रिक्त माना जाएगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया, बैठक में कई अहं निर्णय लिए गए। कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि 27 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जबकि एक पर कमेटी का गठन किया गया है। कारखाना अधिनियम से संबंधित तीन श्रम सुधारों को कैबिनेट की मंजूरी। यह तीनों सम सुधार भारत सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार हैं और इन्हें केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। रानी पोखरी में पूर्व सैनिकों के लिए ईसीएच अस्पताल के लिए निशुल्क भूमि देने को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। हरिद्वार में सीएचसी के लिए सरकार भूमि उपलब्ध कराएगी। उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय का नाम अबीर माधव सिंह गढ़वाली विश्वविद्यालय होगा। श्रीनगर में एनआईटी के अस्थाई कैंपस के लिए रेशम विभाग की 3.2 हेक्टेयर और 2.88 करोड़ कीमत की भूमि सरकार निशुल्क उपलब्ध कराएगी। आरटीई नियमावली के तहत पब्लिक स्कूल और सरकारी स्कूल के बीच के बीच का अंतर भरने के मामले में मदन कौशिक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। बिना बैंक लोन लिए होमस्टे के कमरे बनाने वालों को एक कमरे के निर्माण के लिए 60,000 और एक कमरे के पुनर्निर्माण के लिए 25000 रुपये सरकार देगी। केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के तकनीकी और इंजीनियरिंग के कार्य अब पीडब्ल्यूडी करेगा। आयुष शिक्षा में भर्ती चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के जरिए होगी। उत्तराखण्ड प्राविधिक शिक्षा राजपत्रित सेवा नियमावली में शैक्षिक योग्यता आरक्षण इत्यादि विषयक पर संशोधन लाया गया है। प्रदेश राजस्व निरीक्षक पटवारी सर्किल के क्षेत्र में पुनर्गठन करते हुए 160 पदों की अतिरिक्त 51 अतिरिक्त पद बढ़ाने पर सहमति बनी है।
उत्तराखण्ड पेयजल निगम विभाग में प्रबंध निदेशक पद पर एक अतिरिक्त पद निसंवर्गीय वर्ग का पद सलाहकार पेयजल के रूप में बनाया जाएगा। आंगनबाड़ी केन्द्र में तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिये 320 रुपये का मिल्क पाउडर दो दिन की जगह 370 रुपये के हिसाब से चार दिन करने का फैसला किया गया। किशोरी-बालिका सैनेटरी नैपकिन ई-टैंडर प्रक्रिया से ली जाएगी।