देहरादून। प्रदेश भण्डार निगमों में अब कृषकों द्वारा उत्पादित उपज का न सिर्फ सुरक्षित भण्डारण होगा बल्कि किसानों को भण्डारित उपज के कुल मूल्य की 90 फीसदी धनराशि बैंक से ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जायेगी। कृषकों को उनके द्वारा भण्डारित उपज बेचकर का उचित बाजार मूल्य मिलने पर किसान बैंक ऋण जमा कर सकेगा। इस बात की जानकारी प्रदेश के सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध उत्पादन एवं प्रोटोकाॅल मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने भण्डारण निगम के संचालक मंडल की बैठक के उपरांत दी। उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव आज बोर्ड में सर्व सम्मति से पारित कर लिया गया है। बैठक में पूर्व में लिये गये निर्णयों के अनुपालन में हुई कार्यवाही पर सहमति प्रदान करने के साथ-साथ निगम के कई अन्य महत्पूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा के उपरांत कई प्रस्ताव पारित किये गये।
विधानसभा स्थित सभा कक्ष में आयोजित राज्य भण्डारण निगम की शासी निकाय की बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभागीय मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने बताया कि बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2017-18 की बैलेंस सीट को कैग (सीएजी) से आॅडिट कर इसे संचालक मंडल की अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश प्रबंध निर्देशक को दिये हैं। साथ ही भण्डारण निगम में वर्षों से रिक्त चल रहे पदों को सहकारिता सेवा मंडल के माध्यम से सीधी भर्ती के द्वारा भरे जाने हेतु संबंधित संस्था को प्रस्ताव भेजे जाने तथा सीधी भर्ती होने तक आवश्यक पदों को आउटसोर्स से भरे जाने का निर्णय भी लिया गया। इस दौरान बैठक में वित्तीय वर्ष 2018-19 में निगम की आय-व्यय एवं लाभ की स्थिति से संचालक मंडल को अवगत करा कर बताया गया कि निगम ने इस दौरान 5.49 करोड़ का लाभ अर्जित किया। जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में निगम के कार्य संचालन हेतु अनुमानित 23.32 करोड़ का बजट का संचालक मंडल द्वारा अनुमोदन किया गया।
विभागीय मंत्री डाॅ. रावत ने बताया कि वर्तमान में उत्तराखंड भण्डारण निगम के 14 भण्डारण गृह है जिनकी क्षमण 1.31 लाख मैट्रिक टन है। जिसे भविष्य में 1.79 लाख मैट्रिक टन करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि निगम पुराने गोदामों का आधुनिकीकरण करने के साथ ही आवश्यकतानुसार नये गोदाम का निर्माण करेगा जो पूरी आधुनिक सुविधाओं से समपन्न होंगे। जिसमें राज्य के विभिन्न शहरों श्रीनगर, कोटद्वार, ऋषिकेश, हरिद्वार, रूड़की, खटीमा, गदरपुर, अल्मोड़ा, रामनगर एवं काशीपुर में कुल 10 स्थानों पर गोदाम निर्माण प्रस्तावित है। इसके साथ ही उन्होंने चार ऐसे राज्यों जिनके भण्डारण निगमों द्वारा बेहरीन कार्य किया जा रहा हो एवं उनके द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी हेतु निदेशक गणों एवं प्रबंध निदेशक की एक टीम गठित कर भ्रमण की योजना तैयार करने के निर्देश भी दिये। बैठक में अपर सचिव सहकारिता धीरेंद्र सिंह दताल, अपर सचिव वित्त भूपेश तिवारी, अपर सचिव औद्योगिक विकास विभाग उमेश नारायण पाण्डेय, संयुक्त निदेशक नियोजन दिनेश वर्मा, उप महाप्रबंधक स्टेट बैंक बी. एल. सैनी ने बतौर सदस्य प्रतिभाग किया। बैठक का संचालन प्रबंध निदेशक उत्तराखंड भंडारण निगम मान सिंह सैनी द्वारा किया गया।