-राज्य सरकार की नाकामी के चलते दूसरे राज्यों को पानी पिलाने वाले उत्तराखंड वासियों के हलक सूखेः आप
देहरादून। जल ही जीवन है यह बात सभी लोग जानते हैं, फिर प्रदेश की सरकार को यह बात समझ में क्यों नहीं आ रही, विडंबना ये है कि उत्तराखंड राज्य उत्तर भारत के लोगों की प्यास बुझाता है और खुद उसके राज्य में लोगों के हलक पानी के मोहताज हैं। उत्तराखंड के कई इलाकों में पानी को लेकर हाहाकार मचा है। जनता हलकान है और बूंद बूंद पानी के लिए भटक रही। यह आरोप आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र सिंह आनंद ने आप प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में लगाए। उन्होंने कहा कि पानी को लेकर यह हालात तब है जब मां गंगा, मां यमुना समेत कई नदियां यहीं से निकल कर बहती हैं और करोड़ों लोगों की प्यास समेत अन्य जरूरतों को पूरा करती लेकिन उत्तराखंड सरकार के मुखिया की नाकामी देखिए, दिए तले अंधेरा है। एक तरफ सीएम त्रिवेंद्र रावत कहते एक रुपए में कनेक्शन मिलेगा, खुद प्रधानमंत्री भी पहाड़ों में महिलाओं को पानी की समस्या को लेकर बीते दिनों कह रहे थे और सीएम की तारीफ पानी को लेकर कर रहे थे । लेकिन यहां हालात बद से बदतर नजर आ रहे।
आप प्रदेश प्रवक्ता रविन्द्र सिंह आनन्द ने कहा कि प्रदेश में पानी की समस्या कोई नई समस्या नहीं है प्रदेश में जितनी भी सरकारें आई इस समस्या से अच्छी तरह से सभी वाकिफ थी, लेकिन अभी तक किसी ने भी इस समस्या को गंभीरता से नहीं देखा और इसे मामूली सी समस्या मानकर दरकिनार कर दिया, प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार को भी सत्ता में आने से पहले यह अच्छी तरह मालूम था कि प्रदेश की कई दूरस्थ इलाकों में पानी की समस्या है, लेकिन साढे 3 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक इस समस्या का निदान नहीं किया बल्कि अब मीटर लगा कर पानी के खपत के आधार पर भुगतान की तैयारी हो रही।