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सहकारी बैंक को डुबोने में लगे नेताओं और अफसरों के खिलाफ मुखर हुआ उक्रांद

देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल ने उत्तराखंड के सहकारी बैंकों को डुबोने में लगे हुए नेताओं और अफसरों के खिलाफ हुंकार भरी है। उत्तराखंड क्रांति दल ने सहकारी बैंकों द्वारा विवादास्पद जमीनों को लोन देने तथा नियुक्तियों में रिश्वत लेने के साथ ही ऋण वितरण करने के लिए मोटी रकम लिए जाने पर नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।
उत्तराखंड क्रांति दल ने कहा कि लंबे समय से भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जांचें फाइलों में ही दब कर रह गई है तथा अधिकारी कर्मचारी या तो रिटायर हो गए हैं अथवा रिटायर होने की कगार पर हैं।
यहां आयोजित पत्रकार वार्ता में यूकेडी के केंद्रीय प्रवक्ता सुनील ध्यानी व शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि जिला सहकारी बैंक देहरादून पर बंजारावाला में एक सहकारी संघ द्वारा खरीदी गई विवादास्पद जमीन को लोन देने की तैयारी का मामला उठाते हुए कहा कि 5-6 करोड़ रुपए की इस जमीन का न तो लेआउट पास है और ना ही इस भूमि पर जाने का कोई रास्ता है, इसके बावजूद जिला सहकारी बैंक देहरादून पर इस भूमि के लिए लोन देने का दबाव डाला जा रहा है। इसके कारण  लोन फंस रहा है। इसके अलावा उत्तराखंड क्रांति दल ने सेटिंग गेटिंग तथा पहुंच के आधार पर बिना भौतिक सत्यापन के ऋण वितरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि मोटा कमीशन लेकर अधिकारी कर्मचारी चहेतों को बिना सत्यापन के लोन दे रहे हैं, जिसके कारण अकेले देहरादून में ही 5-6 करोड़ रुपए का लोन एनपीए हो गया है तथा इसकी वसूली संभव नहीं है।
अधिकारी-कर्मचारी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन दे रहे हैं। किंतु ऐसे अधिकारी कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।
फर्जी ऋण वितरण के बाद यह अधिकारी कर्मचारी अपना ट्रांसफर दूसरी शाखाओं में करा लेते हैं जिसके कारण मामला फिर वहीं दब जाता है। उत्तराखंड क्रांति दल ने जिला सहकारी बैंकों में होने वाली नियुक्तियों में भारी लेन-देन की बात कही है। उत्तराखंड क्रांति दल ने कहा कि सहकारी बैंकों में तैनात अधिकारी और बोर्ड के विभिन्न नेता अपने चहेतों को बैक डोर से नियुक्तियां दे रहे हैं तथा भारी भरकम रकम लेकर संविदा पर नौकरियां दे रहे हैं। इसके साथ ही 1 साल बाद उनको निकाल बाहर किया जा रहा है। तथा नई भर्तियों के नाम पर फिर से मोटी रकम का लेनदेन हो रहा है। उत्तराखंड क्रांति दल ने तत्काल इस पर रोक लगाने की मांग की है तथा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए कहा है। ऐसा न करने पर उत्तराखंड क्रांति दल ने चेतावनी दी है कि सहकारी बैंकों के अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ उत्तराखंड क्रांति दल सड़कों पर उतरेगा।

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