प्रदेश सरकार का धार्मिक पर्यटन के साथ ही साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर है। जिससे सीमांत गांवों में पर्यटन विकास के जरिये स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके। प्रदेश के पारंपरिक ट्रैकिंग रूटों के बुग्यालों में कैपिंग हट्स (टेंटिंग) पर रोक के चलते साहसिक गतिविधियां प्रभावित हुईं हैं। अब सरकार ऐसे ट्रैकिंग रूट चिह्नित करेगी, जहां पर बुग्याल नहीं हैं।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए ट्रैकिंग रूट चिह्नित किए जाएंगे। पर्यटन विभाग में अलग से साहसिक प्रकोष्ठ बनाया गया है। जो साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा।
सरकार की ओर से ट्रैकिंग ट्रक्शन कलस्टर होम स्टे योजना भी शुरू की जा रही है। इससे ट्रैकिंग रूटों के आसपास के गांवों में पर्यटकों को ठहरने की सुविधा मिलेगी। वहीं, स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। ट्रैकिंग रूट पर ट्रैकरों को जिस सामान की जरूरत है, वह भी उपलब्ध कराया जाएगा।