देहरादून। उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क), सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तराखण्ड शासन, देहरादून द्वारा सह-सहयोगी संस्था सरस्वती जनकल्याण एवं स्वरोजगार संस्था के सहयोग से राष्ट्रीय हिमालय अध्ययन मिशन ;छडभ्ैद्धए पर्यावरण विकास संस्थान, कोसी कटारमल, अल्मोड़ा भारत सरकार से स्वीकृत परियोजना के अन्तर्गत दिनांक 27 फरवरी से 05 मार्च तक बांस एवं रिंगाल उद्यमियों के उत्पादों के मूल्यवर्धन हेतु सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन नांगल बुलन्दावाला, डोईवाला ब्लाॅक देहरादून में किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन सत्र में यूसर्क की वैज्ञानिक एवं परियोजना अन्वेषक डा0 मन्जू सुन्दरियाल द्वारा अतिथियों का स्वागत एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत आख्या एवं जानकारी दी गई। ए0 डी0 डोभाल, उपनिदेशक, सरस्वती जनकल्याण एवं स्वरोजगार संस्था द्वारा अतिथिय संबोधन में प्रशिक्षण कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बताते हुए इसकी निरन्तरता को बनाये रखने हेतु विचार प्रस्तुत किये।
विशिष्ठ अतिथि यूसर्क की निदेशक प्रो0 (डा0) अनीता रावत के द्वारा महिला प्रशिक्षार्थियो के द्वारा बांस एवं रिंगाल के बनाये गये उत्पादो को सराहा गया व प्रशिक्षण कार्यक्रम को आयवर्धन में सहायक बताया गया एवं महिलाओं कोे आत्मनिर्भर बनने के लिये प्रेरित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि करन बोहरा, राज्यमंत्री एवं उपाध्यक्ष, वन पंचायत सलाहकार परिषद् द्वारा उनके सम्बोधन में बांस एवं रिंगाल उद्योग से जुडी महिलाओं को स्थानीय उत्पादों से सम्बन्धित व्यवसाय करने पर पर जोर दिया एवं इनके संसाधनों के संरक्षण का सुझाव दिया उनके द्वारा इस सम्बन्ध में राज्य सरकार को प्रस्ताव देने का आश्वासन दिया गया। कार्यक्रम के अन्त मे डा0 मन्जू सुन्दरियाल द्वारा सभी अतिथियों एव प्रशिक्षार्थियों को धन्यवाद किया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य रुप से मास्टर टेªनर मदन लाल, प्रदीप डोभाल समन्वयक बीना सिंह डा0 बिपीन सती आदि उपस्थित रहेे। उक्त कार्यक्रम में 30 महिला प्रतिभागियों के द्वारा प्रशिक्षण लिया गया। समस्त प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि एवं विश्ष्टि अतिथियों के द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये।