कुंभ संपूर्ण विश्व में एकमात्र ऐसा उत्सव है, जहां बिना किसी सरकार या बड़ी संस्था के प्रचार-प्रसार के स्वेच्छा से, करोड़ों लोग आते हैं। पुराणों में कहा गया है कि कुंभ में स्नान करने के बाद कोई भी व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त हो सकता है, किन्तु इस लोक में भी इसकी महिमा कम नहीं है। कुम्भ की सभी बड़ी विशेषता यह है कि साधारण स्नानों की तरह प्रत्येक वर्ष कुंभ नहीं लगता है, बल्कि 12 साल पर महाकुंभ लगता है, जबकि अर्ध कुम्भ 6 सालों के बाद आयोजित होते हैं। वास्तु के हिसाब से अगर बात करें तो इस समय वृहस्पति कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं, और इसी से कुंभ महायोग का जन्म होता है
हरिद्वार में कुंभ का आगाज हो चुका है दुनिया भर से श्रद्धालु गण यहां पर स्नान के लिए निरंतर ही आते रहते हैं आज सूर्यनारायण भगवान के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर स्वामी अजरानंद अंध विद्यालय के निकट गिलहरी पंडाल स्वामी अक्षयानंद महाराज के निर्देशन पर उनके शिष्यों द्वारा शंखनाद किया गया इस मौके पर उन्होंने बताया कि सूर्य नारायण भगवान पृथ्वी पर समान रूप से सभी को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं और आज इस शुभ अवसर पर उनके शिष्य और छात्रों द्वारा शंखनाद कर सूर्य नारायण भगवान की स्तुति की गई है इस मौके पर राम जी श्याम जी निरंकार राजेंद्र बाजपेई सुमित वर्मा दिलीप शर्मा हरीश नौगाई आदि मौजूद रहे