देहरादून। पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा की प्रदेश की भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखंड बोर्ड के इंटर एवं हाईस्कूल के छात्र छात्राओं के परीक्षा परिणाम के लिए शिक्षा महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा प्रधानाचार्यो से छात्र छात्राओं का बार बार उनके गृह परीक्षा, मासिक परीक्षा, प्री बोर्ड परीक्षा आदि का रिकॉर्ड मांगा जा रहा है। जबकि उनकी किसी भी प्रकार की कोई परीक्षा नहीं ली गई क्योंकि पिछले वर्ष तक स्वयं शिक्षा विभाग ही मासिक परीक्षा एवं प्री बोर्ड करवाता था।
किंतु कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद थे। जब नवंबर में स्कूल खुले तो कोरोना का खतरा और एसओपी को देखते हुए पचास प्रतिशत विद्यार्थी भी स्कूल नहीं जा पाए। पूर्व मंत्री ने कहा कि जब छात्र छात्राओं ने गत वर्ष किसी भी प्रकार की कोई परीक्षा नहीं दी और न ही विभाग से परीक्षा लेने संबंधी कोई निर्देश दिए तो छात्रों के आंकड़े लेने का क्या मतलब। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ करने सत्रे अच्छा होता कि 12वीं कक्षा के बच्चों को 11वीं व 10वीं कक्षा के नंबरों को आधार मानते हुए उत्तीर्ण करते और 10वीं कक्षा के बच्चों के लिए 9वीं कक्षा के नंबरों को आधार मान कर उत्तीर्ण करते। साथ ही जो छात्र अपने परिणामों से संतुष्ट नहीं होते उनको स्कूल खुलने पर बोर्ड द्वारा परीक्षा देने का अवसर प्रदान किया जाता, यही छात्र है।
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