-आर्येन्द्र शर्मा और तिलकराज बेहड़ का नाम भी आया सामने
देहरादून। कांग्रेस में चल रहे हाई वोल्टेज दंगल में अचानक आज सुबह से तब गर्माहट आ गयी जब आलाकमान से जुड़े खास विश्वस्तों ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड़, कांग्रेस के उपाध्यक्ष आर्येन्द्र शर्मा और मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन के विषय में फीडबैक लेना शुरू किया।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश की असामयिक निधन से उपजे राजनैतिक हालातों में नए नेता प्रतिपक्ष का मनोनयन होना है। इसी मंथन के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश अध्यक्ष पद को बदलने का पेंच भी फंसा दिया। कई दिनों की मशक्कत के बाद वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए अपनी सैद्धान्तिक सहमति तो दे दी लेकिन साथ ही यह शर्त भी रख दी कि वह यह पद तभी स्वीकार करेंगे जब प्रदेश अध्यक्ष पद पर उनकी पसंद के व्यक्ति की ताजपोशी की जाए। हरीश रावत इस पद के लिए गढ़वाल से ब्राह्मण नेता किशोर उपाध्याय और गणेश गोदियाल के नाम की फील्डिंग कर रहे हैं। कुमाऊं से भी कई नेताओं के नाम पर विचार चल रहा है। हरीश रावत ने स्वयं चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष बनने की स्वीकृति दे दी है। कल रात को अचानक कांग्रेस की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया। उसने भाजपा की रणनीति पर चलते हुए चुनाव में काउंटर की तैयारी करने का मन बना लिया है। भाजपा ने चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री को गढ़वाल से तो प्रदेश अध्यक्ष मैदान से नियुक्त किया। कुमाऊँ से भाजपा ने मंत्रिमंडल में भागीदारी बढ़ा दी। मंत्रिमंडल में कुमाऊं से दो सीट दी तो गढ़वाल और मैदानी क्षेत्र को एक-एक सीट की भागीदारी बढ़ाई। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनाव हराने वाले स्वामी यतीश्वरानंद को भी मैदानी क्षेत्र से मंत्री बनाकर मैदानी क्षेत्र के 32 सीटों पर जीत का समीकरण बैठाया है। वर्तमान में भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल में 03 मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और संगठन का प्रदेश अध्यक्ष मिलाकर कुल 05 महत्वपूर्ण पद तीन जिलों हरिद्वार, देहरादून और उधमसिंह नगर के पास है। भाजपा की इसी चुनावी रणनीति और चक्रव्यूह को काटने के लिए कांग्रेस ने ऐसा ही व्यूह रचना करने के लिए उधमसिंह नगर से तिलकराज बेहड़, हरिद्वार से काजी निजामुद्दीन और देहरादून से आर्येन्द्र शर्मा के नाम पर तेजी के साथ फीडबैक एकत्रित किया है। सूत्रों की खबर के मुताबिक वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह नेता प्रतिपक्ष होंगे। प्रीतम सिंह गढ़वाल मंडल का प्रतिनिधित्व करते हैं। गढ़वाल की एक दर्जन सीटों को वह सीधे व्यक्तिगत रूप से प्रभावित करते हैं। चुनाव संचालन समिति की जिम्मेदारी हरीश रावत को दी जा सकती है। हरीश रावत कुमाऊँ के दिग्गज नेता है। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने हरिद्वार ग्रामीण और उधमसिंह नगर की किच्छा विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर मैदानी क्षेत्र को प्रभावित करने का प्रयास किया था लेकिन दुर्भाग्यवश वह दोनों सीटों से चुनाव हार गए थे। उसके बाद से उन्होंने पुनः कुमाऊं केंद्रित राजनीति प्रारंभ कर दी। वर्तमान में इन दोनों दिग्गजों के बिना वर्तमान में कांग्रेस का कोई चुनावी अस्तित्व नहीं है।