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धामी जी, ऐसे कैसे पहाड़ चढ़ेंगे डाक्टर?

– अफसर ने डाक्टर से कहा, पहले मुझे देख, नही तो जान से मार दूंगा

– मरीजों के सामने की डाक्टर से अभद्रता, दुखी डाक्टर ने दिया इस्तीफा

एक ओर सरकार तमाम प्रयासों के बावजूद डाक्टरों को पहाड़ नहीं चढ़ा पा रही है। विशेषकर विशेषज्ञ डाक्टर पर्वतीय जिलों में तैनाती के लिए तैयार नहीं होते हैं और यदि मानवीय सेवा के लिए कोई डाक्टर पहाड़ चढ़ भी गया तो नेता और अफसर उसे नौकरी नहीं करने देते। इसका ताजा उदाहरण उत्तरकाशी के जिला अस्पताल में हुई घटना है। एक अफसर अस्पताल में अपना चैकअप कराने आया। डाक्टर के पास मरीजों की भीड़ थी तो डाक्टर ने अफसर से कुछ देर इंतजार करने के लिए कहा। अफसर को यह सुनते ही ताव आ गया और लगा डाक्टर को धमकाने, यहां तक कि जान से मारने की धमकी दे दी। अफसर की अभद्रता देख डा. सुबेग सिंह ने अपने पद से इस्तीफा डीजी हेल्थ को भेज दिया है।घटना 15 जुलाई की है। जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में तैनात फिजिशियन डा. सुवेग सिंह मरीजों को देख रहे थे। उनके पास मरीजों की भीड़ थी। इस बीच जिला ग्राम्य विकास अभिकरण उत्तरकाशी के परियोजना निदेशक संजय कुमार वहां पहुंचे। उन्होंने डाक्टर के पास अपने आने की सूचना दी। डाक्टर ने दस मिनट इंतजार करने की बात कही। उस वक्त लाइन में लगभग 40 मरीज थे। डा. सुबेग एक गंभीर मरीज को देख रहे थे। इसके बाद उन्होंने परियोजना निदेशक को बुला लिया। इस घटना से डाक्टर आहत हो गये कि उन्होंने अपना इस्तीफा डीजी हेल्थ को भेज दिया।डा. सूबेग ने कहा कि फिलहाल वे अपने भर्ती गंभीर मरीजो को ही देख रहे है किन्तु ओपीडी का बहिस्कार कर रहे है। उन्होने कहा कि वे खुद भी एक अधिकारी के पद पर है और उनके मरीजो के सामने उनकी बेइज्जती की गयी है जिससे उनको दुख हुआ है। हालांकि उन्होने इस घटना कि कोई एफआईआर नहीं कराई है, उन्होने कहा कि संजय कुमार को अपनी गलती का एहसास होना चाहिए।उन्होने बताया कि उक्त अधिकारी का ऐसा ही एक मामला 20 मार्च को करीब जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ सुरेन्द्र सकलानी के साथ हो चुका है।तब भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तो इस तरह मे मामलो की पुनरावृत्ति होने लगी है।इस मामले पर उत्तरकाशी मे तैनात अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि वे गंभीर बीमारी से पीड़ित है और उनका लंबे समय से डॉ सूबेग सिंह से ही इलाज चल रहा है वे निश्चित तौर पर अच्छे डाक्टर है इसलिए ही वे उनसे अपना इलाज करवा रहे थे। इस दौरान सीएस की विडियो कोन्फ्रेंस और प्रभारी मंत्री के दौरे मे काम का प्रेशर और जल्दबाजी मे वे अपनी सेहत का ढंग से खयाल नहीं रख सके और अपनी अल्ट्रासाउंड और ब्लड रिपोर्ट डाक्टर को समय पर नहीं दिखा सके थे। उनके डाक्टर के साथ अच्छे संबंध थे और अक्सर वे व्हाट्सप पर भी डाक्टर से सलाह ले लिया करते थे। उस दिन तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी थी और प्रभारी मंत्री की बैठक की तैयारी का काम का प्रेशर भी था, लिहाजा मौके पर काम की अधिकता के चलते आवेश मे आकार वे कुछ कह गए जिसका उन्हे बाद मे एहसास हुआ। उन्होने बताया की डीएम उत्तरकाशी मयूर दीक्षित की मध्यस्तथा मे डाक्टर से बातचीत हो गयी है। डीएम उत्तरकाशी से वार्ता न होने कारण इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।उधर, इस मामले में पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने डीएम से अफसर द्वारा की गयी अभद्रता पर कार्रवाई करने की मांग की है।

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