संवाददाता, देहरादून
पूर्व राज्यपाल डा अजीज कुरैशी की कड़ी फटकार से अपनी व विभाग की फजीहत करा चुके स्वास्थ्य विभाग के साहब अभी भी सुधरने को तैयार नहीं है। जुगाड़बाजी के खेल में माहिर ये साहब मूल तैनाती वाली जगह के बजाय देहरादून में डटे हुये हैं। हवाला कहंे या बहाना कह लीजिये कोविड का दिया जाता है लेकिन सीएमओ कार्यालय में करीब दो साल से तैनाती के चलते ये साहब एक बार फिर सुर्खियों में हैं। ऐसे में जीरो टोलरेंस का नारा देने वाली प्रदेश सरकार पर भी सवाल उठने स्वाभाविक ही हैं।
जनपद देहरादून के विकासखंड तहसील के कालसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी का महत्वपूर्ण जिम्मा इन्हीं साहब के कंधों पर है। कोविड काल में स्वास्थ्य विभाग की अहमियत व जरूरत दोनों अहम हो गयी है। धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सक कोविड काल में जान जोखिम में डालकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। लेकिन ये साहब जरा दूसरे मिजाज के हैं। कोविड संक्रमण काल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कालसी की जिम्मेदारी संभालने के बजाय साहबजी देहरादून में ही डेरा डाले हुये हैं। करीब दो साल हो गया होगा, तब से सीएमओ कार्यालय में ही में ही है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक ही है आखिर किस आधार पर इन्हें सीएमओ कार्यालय में अटैच कर रखा है। वैसे इसके लिये कोविड का हवाला दिया जाता है लेकिन खेल तो जुगाड़बाजी का है।
कालसी भेजने की तैयारी में महकमा
करीब दो साल से देहरादून में डटे इन साहब को अब कभी भी मूल तैनाती की जगह कालसी भेजा सकता है। स्वास्थ्य विभाग इसकी तैयारी में है। डीजी हेल्थ तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कालसी को जल्दी मूल तैनाती पर भेजा जायेगा।