संवाददाता, कोटद्वार
कोटद्वार में शासन प्रशासन व माफियों के गठजोड़ से खनन मंे खेल चल रहा है। खनन नियमावलियों की धज्जियां उठायी जा रही है। नदियों में कई फीट हुये गहरे-गहरे गड्ढे सारी कहानी बयां कर रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि यही गड्ढे जीवन का दुश्मन बन रहे हैं। पिछले दिनों कोटद्वार में हुयी बच्चे की मौत का कारण भी नदी में हुया गड्ढा ही माना जा रहा है। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने खनन के खेल पर शासन प्रशासन को आड़े हाथों लिया है। गढ़वाल के प्रवेशद्वार कोटद्वार में मालनी व सुखरों नदियों में खनन की अनुमति शासन से प्रदान है। यहां खनन में बड़ा खेल होने के आरोप समय पर लगते रहते हैं। हाल में ही नदी हुये गड्ढे के कारण बच्चे की मौत के बाद एक बार फिर खनन सवालों के कटघरे में है। कोटद्वार में यह पहली बार नहीं है जब खनन पर सवाल उठे हों इससे पहले भी खनन पर सवाल उठते रहे हैं। आरोप तो यह भी लग रहे है कि यहां रात में भी खनन चल रहा है जो खनन नियमावली का सीधा-सीधा उल्लंघन है। सीधा आरोप व सवाल सरकार पर उठता है। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने सीधे तौर पर कहा कि शासन प्रशासन माफियों को संरक्षण दे रही है। उन्होंने कहा कि सामान्यतौर पर बरसात को देखते हुये जून माह से खनन बंद कर दिया जाता है लेकिन सरकार ने माफियों को लाभ पहुंचाने के लिये खनन बंदी की समय-सीमा को आगे बढ़ा दिया। कायदे में तो खनन की सामग्री बाहर नहीं ले जा सकती है लेकिन खेल कुछ और ही चल रहा है। यह बात स्वयं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी भी कह रहे हैं कि खनन सामग्री बाहर ले जा रही है। उधर, उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा का कहना है कि हाल में हुयी युवक की मौत अवैध खनन से नहीं हुयी है। रात के वक्त युवक नदी के किनारे गया था। अवैध खनन के मामले में समय पर छापेमारी की कार्रवाई की जाती है और वाहनों को सीज किया जाता है।उधर, आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट अरविंद वर्मा ने कहा कि कोटद्वार में खनन के मानकों की धज्जियां उठायी जा रही है। नदी में बने पुल के नीचे तक इतना खनन कर दिया गया है कि पुल को भी खतरा हो गया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सख्ती के साथ खनन के मानकों का पालन कराया जाये।