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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोत्तरी के विरोध में किया प्रदर्शन 

देहरादून। महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लाल चंद शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रसोई गैस की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी किए जाने के विरोध में कैंट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत गोविंदगढ़ ंिस्थत गैस गोदाम के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लाल चंद शर्मा नें कहा की आज रसोई गैस की किमत 890 रु प्रति सिलेंडर है जो कांग्रेस की सरकार में 400 रु का हुआ करता था। नाम उसका उज्जवला नहीं था मगर लोगों के घरों में गैस के सस्ते दामों  की रोशनी जगमगा रही थी। आज आमजन भारी भरकम कीमत नहीं चुका सकते और ज्यादातर लोग फिर से लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं। लकड़ी के चूल्हों पर इसलिए कि कैरोसिन की पूरी सब्सिडी भी मोदी जी ने 1 अप्रैल 2021 से समाप्त कर दी और उसके दाम दो गुना से अधिक बढ़ा दिए। उन्होनें कहा रसोई गैस की कीमतें इतनी ज्यादा हो गई हैं कि गरीब व्यक्ति तो दूर, आम परिवार भी वो कीमतें अदा करने में सक्षम नहीं हैं। सरकारी ऑडिट बताता है कि हर छठे लाभार्थी ने गैस सिलेंडर लेने के बाद एक बार भी दोबारा सिलेंडर नहीं भरवाया, जो इस योजना की विफलता का जीता-जागता उदाहरण है।
पिछले 9 महीनों में मोदी सरकार ने रसोई गैस की कीमतों को 240 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़ा दिया है, एलपीजी सब्सिडी को एक तरह से बिल्कुल समाप्त कर दिया है, जिसके कारण रसोई गैस 850 रुपए से 890 रुपए के बीच पहुंच गई है। लोग कोरोना की मार से अभी भी पीड़ित हैं, अर्थ व्यवस्था नकारात्मक है, गरीब लोग ज्यादा गरीब हो गए लेकिन इसके बावजूद इस घमंडी सरकार ने देश के गरीबों, मध्यमवर्गीय और गैर आयकरदाताओं और उज्जवला योजना लाभार्थियों को भी महंगाई से कोई राहत नहीं दी और अब उन्हें एक रसोई गैस सिलेंडर के लिए देश में कम से कम 834 रुपए जरूर देने पड़ रहे हैं।
उन्होनें कहा पेट्रोलियम प्लानिंग और एनालिसिस सेल के अधिकृत आंकड़े बताते हैं कि यूपीए सरकार ने 2011-12 में कांग्रेस-यूपीए सरकार ने देश की जनता से पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस पर 1,42,000 करोड़ रुपए की राहत दी, जो 2012-13 में 1,64,387 करोड़ रुपए और 2013-14 में 1,47,025 करोड़ रुपए हो गया था, जिसे यह सरकार 2016-17 में 27,301 करोड़, 2017-18 में 28,384 करोड़, 2018-19 में 43,718 करोड़ और 2019-20 में 26,482 करोड़ पर ले आई, किंतु इस वर्ष तो मोदी सरकार ने सभी सब्सिडियों के नाम पर केवल 12,995 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। यदि यूपीए और भाजपा सरकारों द्वारा पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की अंडर रिकवरी और एक्साइज ड्यूटी वसूली को जोड़ लिया जाए, तो साफ जाहिर होता है कि यूपीए सरकार जहाँ एक तरफ कम टैक्स वसूलती थी, लेकिन पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस में जनता को ज्यादा राहत देती थी, दूसरी ओर भाजपा की सरकार ज्यादा टैक्स वसूलती है, लेकिन पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस में कोई राहत न देकर सीधी मुनाफाखोरी करती है। आज के समय में जो सब्सिडी वाला सिलेंडर 850 रुपये का बिक रहा है, वो कांग्रेस के समय 400 रुपये के करीब था। प्रदर्शन करने वालों में पूर्व पार्षद चरणजीत कौषल, उत्तराखंड प्रदेश काँग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव गीताराम जायसवाल अमृता कौषल, पवन चौहान, जितेन्द्र जोषी, गुरूचरण कौषल, जगदीष धीमान, संगीता गुप्ता, कोमल वोहरा, मीना रावत, मुकेष चौहान, हरेन्द्र सिंह बेदी, कुलदीप यादव, नीरज गोस्वामी, अरूण कुमार षर्मा, नीलम, षीला धीमान, रीता रानी, दीपा चौहान, हरेन्द्र चौधरी, आदाब, जाहिद, जावेद, गुलषन, राहुल खन्ना, सोम प्रकाष वाल्मिकि, आषीश सक्सेना, जतीन कौषल, रिंकू यादव, पवन कुमार, आरती षाह, रूबी पासवान,नीरज नेगी, विनोद, सत्तो साहनी, राजेष साह, सुरेष पारचा, बलवान, हरेन्द्र बेदी, आदी मौजूद थे।

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