देहरादून। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय संयोजक व पूर्व राज्य मंत्री मनीष कुमार ने कहा कि आज उत्तराखंड के इतिहास का सबसे बड़ा काला दिन है। 1 सितंबर 1994 को खटीमा गोलीकांड हुआ था और निहत्थे राज्य आंदोलनकारी शहीद हुए थे और इन्हीं शहीदों की शहादत को आज कचहरी स्थित शहीद स्थल में जाकर राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि व श्रद्धा सुमन अर्पित किए। खटीमा में एक सितंबर को जिस प्रकार से बर्बरता पूर्वक आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया गया उसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है आंदोलनकारियों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए शहादत दी और जिसका परिणाम है कि आज हमें उत्तराखंड राज्य प्राप्त हुआ, ऐसे शहीदों को हम बार-बार अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं व कोटि-कोटि नमन करते हैं।
राज्य आंदोलनकारियों ने पूर्व विधायक स्वर्गीय रंजीत सिंह वर्मा को भी अपनी उनकी द्वितीय पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी व श्रद्धा सुमन अर्पित करें। राज्य की भाजपा सरकार से मांग करी जो लोग राज्य आंदोलनकारियों के दमन में दोषी थे वह आज भी खुलेआम घूम रहे हैं राज्य सरकार तत्काल उन पर कार्यवाही करवाएं स प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री व राज्य आंदोलनकारी नवीन जोशी ने भी राज्य आंदोलन के शहीदों को नमन करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करी व कहा कि की खटीमा गोलीकांड इतिहास के पन्नों में काले दिवस के रूप में याद किया जाएगा राज्य आंदोलनकारियों की शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा। श्रद्धांजलि व श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से पूरन सिंह रावत, महावीर सिंह रावत, पीयूष गॉड, चंदन लाल शाह, महेश जोशी, रविंदर जैन, छोटेलाल कनौजिया, अशोक मल्होत्रा चंद्र मोहन कोठियाल विशंभर बौठियाल समेत अन्य राज्य आंदोलनकारी उपस्थित थे।