-उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी और रुद्रपुर जैसे शहरों को कवर करेगा
देहरादून, आजखबर। फुजीफिल्म इंडिया-नैदानिक इमेजिंग और चिकित्सा प्रणाली प्रौद्योगिकी में अग्रणी-ने क्षय रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस बीमारी को खत्म करने के लिए अपने राष्ट्रीय अभियान के हिस्से के रूप में एक कदम आगे उत्तराखंड के शहरों तक बढ़ाया है। नेवर स्टॉप स्क्रीनिंग टू रिड्यूस डायग्नोस्टिक डिले अभियान के तहत, फुजीफिल्म इंडिया का उद्देश्य टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और समाज के कमजोर और हाशिए के वर्गों में टीबी के लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान करना है, जिसमें एक्स-रे सुविधा, फील्ड टीम और सामुदायिक स्वयंसेवकों के साथ एक मोबाइल वैन की शुरुआत की गई है। मोबाइल वैन दिल्ली से शुरू होकर अगले नौ महीनों में 9 राज्यों में 27 से अधिक स्थानों को कवर करेगी।
टीबी के बारे में जागरूकता फैलाने और दिल्ली में टीबी उन्मूलन के लिए कदम उठाने के लिए समुदायों को जुटाने के बाद, वैन दादरी, उत्तर प्रदेश चली गई और अब देहरादून पहुंच गई है। डॉ. तृप्ति बहुगुणा, महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, सोनिका (आईएएस), मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, और डॉ मयंक बडोला, एसटीओ, (देहरादून), हरिद्वार, देहरादून, रुद्रपुर और हल्द्वानी के चयनित पॉकेट्स में टीबी रोगियों की जांच के लिए विशेष मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के सरकार के मिशन के अनुरूप, फुजीफिल्म इंडिया ने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के सहयोग से यह अभियान शुरू किया है। प्रयोगशालाओं के अपने मौजूदा नेटवर्क के माध्यम से, एनटीईपी टीबी परीक्षण में मदद करेगा और कार्यक्रम दिशानिर्देशों के अनुसार टीबी दवाएं प्रदान करेगा। इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टीबी एंड लंग डिजीज (द यूनियन), फेफड़े के स्वास्थ्य में एक वैश्विक नेता, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी आईडिफीट टीबी प्रोजेक्ट) के माध्यम से तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। यह अभियान श्कॉर्पाेरेट टीबी प्लेजश् (सीटीपी) का भी एक हिस्सा है। सीटीपी एक यूएसएआईडी समर्थित पहल है जिसे भारत सरकार के साथ 2019 में टीबी से लड़ने के लिए भारत के कॉर्पाेरेट क्षेत्र को प्रेरित करने, एक इलाज योग्य बीमारी के रूप में टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अंततः, टीबी स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करने के लिए शुरू किया गया था।
डॉ. तृप्ति बहुगुणा, महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, ने बताया कि तपेदिक भारत में एक बढ़ती और प्रमुख स्वास्थ्य चिंता है जिसमे हर साल कई लोग अपनी जान गवांते हैं। यह अभियान नए तपेदिक के मामलों को पहचानने और इस बीमारी के प्रसार को रोकने में मदद करेगा। हमारा उद्देश्य आने वाले वर्षों में भारत को तपेदिक मुक्त प्रदेश बनाना है और हमारे भागीदारों के समर्थन से, हमें उम्मीद है की हम अपना यह लक्ष्य पा लेंगे”। अभियान के शुभारंभ पर बोलते हुए कोजी वाडा, प्रबंध निदेशक, फुजीफिल्म इंडिया ने कहा, तपेदिक भारत में एक प्रमुख और बढ़ती स्वास्थ्य चिंता है, जिसमें हर साल कई लोग अपनी जान गंवाते हैं। यह अभियान नए टीबी मामलों की पहचान करने और बीमारी के प्रसार को सीमित करने में मदद करेगा।