जोशीमठ। जोशीमठ नृसिंह मंदिर में वैदिक पूजा संपन्न होने के बाद शंकराचार्य की प्राचीन गद्दी बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल की अगुवाई में बदरीपुरी के लिए रवाना हो गई है। इसके साथ ही गाड़ू घड़ा भी बदरीनाथ के लिए रवाना हो गया है। गद्दी और रावल बुधवार को पांडुकेश्वर में रात्रि विश्राम करेंगे। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को ब्रह्म मुहूर्त में साढ़े चार बजे खोले जाएंगे।
बुधवार को रावल के सानिध्य में धर्माधिकारी और मंदिर के पुजारियों ने हक हकूकधारियों की मौजूदगी में सबसे पहले प्रवेश द्वार पर गणेश पूजन किया, जिसके बाद पंचांग पूजन, नवगृह पूजन, खोली पूजन, नृसिंह, नव दुर्गा, वासुदेव, गरुड़ की वैदिक पूजाएं मंत्रोचार के साथ की गईं। उसके बाद शंकराचार्य कोठ के दर्शन किए गए। सभी वैदिक पूजाएं संपादित होने के बाद महालक्ष्मी मंदिर प्रांगण में हवन एवं अनुष्ठान किया गया। पूजाएं संपादित होने के बाद रावल ने श्री नृसिंह के दर्शन कर आराध्य शंकराचार्य गद्दी और गाड़ू घड़ा को बदरीनाथ धाम ले जाने की अनुमति मांगी।