-कार्य प्रमाण पत्र की बाध्यता के चलते हो रहा श्रमिकों का आर्थिक शोषण
-डेढ़-दो हजार खर्च करने के बावजूद भी मिलता है झूठा कार्य प्रमाण पत्र
-कई-कई दिन चक्कर काटने के बाद जाकर मिलता है ठेकेदार से प्रमाण पत्र
-श्रमिकों के हितों को लेकर मोर्चा देगा शासन में दस्तक
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि श्रम विभाग (कर्मकार कल्याण बोर्ड) की गाइड लाइन के अनुसार श्रमिक कार्ड बनवाने हेतु श्रमिक को किसी पंजीकृत ठेकेदार द्वारा प्रदत कार्य प्रमाण पत्र के आधार पर ही श्रमिक कार्ड जारी हो सकता है।
उक्त अव्यवस्था के चलते गरीब श्रमिकों को कार्य/अनुभव प्रमाण पत्र हासिल करने हेतु लगभग डेढ़-दो हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं तथा कई-कई दिन ठेकेदार के चक्कर लगाने पड़ते हैं, तब जाकर कहीं झूठा प्रमाण पत्र विभागीय औपचारिकता पूर्ण करने के लिए मिल पाता है। कई श्रमिक कार्य प्रमाण पत्र के अभाव में अपना पंजीकरण नहीं करा पा रहे हैं, जिस कारण इनको विभाग की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। नेगी ने कहा कि विभाग द्वारा मात्र शपथ पत्र के आधार पर पंजीकरण तो कर लिया जाता है, लेकिन जब श्रमिक द्वारा कार्ड लेने हेतु विभाग से अनुरोध किया जाता है तो उस समय कार्य/अनुभव प्रमाण पत्र की मांग की जाती है, जिस कारण इनको अपनी दिहाड़ी-मजदूरी से भी हाथ धोना पड़ता है। मोर्चा शीघ्र ही मजदूरों के हितों को लेकर कार्य प्रमाण पत्र की बाध्यता समाप्त कराने को लेकर शासन में दस्तक देगा। पत्रकार वार्ता में विजय राम शर्मा व सुशील भारद्वाज मौजूद थे।