देहरादून। एसजेवीएन ने अपने सभी पावर स्टेशनों के प्रचालन और रखरखाव में उच्चतम स्तर की व्यावसायिक उत्कृष्टता प्रदर्शित करते हुए, वित्तीय वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में अब तक का सबसे अधिक 1480 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया है। इस अवसर पर एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने कहा कि इस उपलब्धि से एसजेवीएन ने अपने सभी विद्युत स्टेशनों से वित्तीय वर्ष 2019-20 की इसी अवधि में 1343 मि.यू. के गत रिकॉर्ड को पार कर लिया है।
श्री शर्मा ने बताया कि पूरे वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए हिमाचल प्रदेश में दो जलविद्युत स्टेशनों, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र एवं गुजरात में दो पवन विद्युत स्टेशनों तथा दो सौर विद्युत स्टेशनों से कुल 8700 मिलियन यूनिट की डिजाइन एनर्जी की तुलना में एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष की केवल तीन तिमाहियों में ही 8321 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन कर कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने आगे कहा कि यह संयंत्रों की प्रत्येक गतिविधि की सूक्ष्म निगरानी और अंतरराष्ट्रीय मानकों के स्तर पर पावर स्टेशनों के उत्कृष्ट रखरखाव के परिणामस्वरूप संभव हुआ है। मशीनों के निरंतर रखरखाव से उच्चतम स्तर के निष्पादन तथा उपलब्ध पानी के इष्टतम उपयोग द्वारा एसजेवीएन लगातार डिजाइन एनर्जी एवं उच्चतम मशीन उपलब्धता को प्राप्त करने में सक्षम रहा है। श्री शर्मा ने विद्युत उत्पादन में नए बेंचमार्क स्थापित करने तथा नए माईलस्टोन बनाने के लिए विद्युत स्टेशनों के प्रचालन एवं रखरखाव में कार्यरत सभी कर्मियों के प्रयासों की सराहना की।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर एसजेवीनाइट्स को बधाई देते हुए नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने कहा, मैं एसजेवीएन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में टीम के अथक प्रयासों की हार्दिक सराहना करता हूं। मैं सभी एसजेवीनाइट्स से राष्ट्र को 24ग्7 विद्युत उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास करने और आत्म निर्भर भारत के हमारे प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने में योगदान देने का आह्वान करता हूं। एसजेवीएन ने वर्ष 1988 में एकल जलविद्युत परियोजना के साथ प्रारंभ करके आज, कंपनी के पास 16000 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो है, जिसमें से 2016.5 मेगावाट प्रचालनाधीन है और शेष विकास के विभिन्न चरणों में है। आज एसजेवीएन की भारत के 9 राज्यों तथा 2 पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में उपस्थिति हैं। कंपनी ने विद्युत उत्पादन और ट्रांसमिशन के अन्य क्षेत्रों में भी विविधीकरण किया है। एसजेवीएन वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट तथा 2040 तक 25000 मेगावाट की स्थापित क्षमता के अपने साझा दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए प्रबलता से अग्रसर है।