ऋषिकेश
टिकट बंटवारे के साथ ही नरेंद्रनगर सीट पर नाराजगी के स्वर भी मुखर होने की खबरे आने लगी हैं। बताया जा रहा है कि टिकट नहीं मिलने से ओम गोपाल खासे नाराज हैं। उनका एक कथित वीडियो भी सोसल मीडिया में वायरल होेने लगा है। नाराजगी के साथ ही बगावत की आहट भी बतायी जा रही है। हालांकि अभी स्पष्टतौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है लेकिन नरेंद्रनगर सीट पर सियासी खींचतान जरूर तेज हो गयी है। अब देखना यह है कि भगवा का डैमेज कंट्रोल क्या करता है और कांग्रेस कौन सा दांव खेलेगी।
नरेंद्र नगर विधानसभा सीट राज्य की हॉट-स्पॉट सीट मानी जाती है। अभी तक तीन बार विधायक रह चुके सुबोध उनियाल भारतीय जनता पार्टी से अपना टिकट फाइनल कराने में कामयाब रहे हैं। ओम गोपाल रावत टिकट न मिलने से अब खफा हो गये हैं। चर्चा तो यह भी है कि उन्होंने कांग्रेस में जाने की बात तक कह दी है। हालांकि यह चर्चा है। यदि चर्चा पर यकीन कर लें तो अब कांग्रेस के लिए भी इस सीट पर वही हालात पैदा हो गए हैं कि यदि ओम गोपाल को पार्टी स्वीकार कर उन्हें इस सीट पर दावेदार बनाती है तो पिछले 10 वर्षों से लगातार सक्रिय रहे हिमांशु बिजलवान क्या इसको स्वीकार कर पाएंगे अब देखना यह दिलचस्प होगा कि कांग्रेस क्या स्टेंड लेती हैं। उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा नरेंद्र नगर विधानसभा के लिए सरदार सिंह पुंडीर का नाम फाइनल कर दिया गया है उनका भी एक क्षेत्र विशेष में अपना जनाधार है और ओम गोपाल रावत उत्तराखंड आंदोलनकारी होने और राज्य निर्माण के लिए कई बार जेल जाने को अपनी उपलब्धि बताते हैं तो वही क्षेत्र में विकास कार्यों की वजह से जनता में अलग छवि रखने वाले वर्तमान विधायक एवं कृषि मंत्री सुबोध उनियाल अपने द्वारा किए गए काम के दम पर जीत हासिल करने का दम भरते हैं वही हिमांशु बिजलवान एंटी इनकंबेंसी फैक्टर का हवाला देकर भारतीय जनता पार्टी को टक्कर देने के लिए मैदान में डटकर सक्रिय रहे हैं अब गेंद पूर्ण रूप से कांग्रेस के पाले में है।
बहुत कुछ भगवा के डैमेज कंट्रोल पर भी निर्भर करेगा। अक्सर टिकट नहीं मिलने से नाराजगी तो हो ही जाती है जो ठंडी भी पड़ जाती है। ये तो सियासत में होता ही है।