संवाददाता, यमकेश्वर
सियासत का मूड और मिजाज को समझना आसान नहीं है। यहां पल-पल मिजाज भी बदलता है और मूड भी। यमकेश्वर विधानसभा में बगावती तेवर दिखा रहे रूठे द्वारीखाल ब्लाक प्रमुख महेंद्र राणा आखिर मान ही गये। यूं भी कहा जा सकता है कि अभी तक यमकेश्वर में कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में बीस ही साबित हुयी है। अब महेंद्र राणा के बगावती स्वर हम साथ-साथ हैं में बदल गये। कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र सिंह रावत के नामांकन के दौरान महेंद्र राणा साथ रहे। सियासत की भाषा में यह भी कह सकते हैं कि राणा अब रावत के समर्थन में उतर आये हैं।
यमकेश्वर सीट पर पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत को प्रत्याशी घोषित किया है। उनका सीधा मुकाबला भाजपा प्रत्याशी रेनू बिष्ट से माना जा रहा है।
इस सीट पर द्वारीखाल ब्लाक प्रमुख महेंद्र राणा भी चुनाव की तैयारी में थे और उनकी दावेदारी भी मानी जा रही थी। लेकिन टिकट शैलेंद्र सिंह रावत को मिलने से राणा खफा हो गये थे। लिहाजा, राणा के समर्थकों ने उन निर्दलीय चुनाव लड़ने का दवाब भी बनाया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कुछ दिन पहले ही महंेद्र राणा ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया था। सूत्रों का कहना है कि इसकी भनक लगते ही कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुट गयी। नतीजा, यह रहा कि बगावती तेवर ठंडे पड़ गये। कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र सिंह रावत के नामांकन में महेंद्र राणा की मौजूदगी इसकी तस्दीक भी करती है। कुल मिलाकर अब रावत व राणा एक साथ आ गये हैं।
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