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दून में कूड़ा उठाने वाली कंपनी का ही गंदगी फैलाने पर काटा चालान

देहरादून। शहर में डोर-टू-डोर सफाई व्यवस्था व कूड़ा उठान की व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ गयी है। हालात ऐसे हैं कि एक तरफ नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 की तैयारी का पुख्ता दावा कर रहा है, जबकि दूसरी तरफ शहर से कूड़ा उठान करने वाली चेन्नई कंपनी एमएसडब्ल्यू कंपनी की मनमानी जारी है। वार्डों में हफ्ते-हफ्ते तक कूड़ा उठान नहीं हो रहा है। गाड़ियां नहीं आ रही हैं। ऊपर से मुख्य सड़कों पर लगे निगम के कूड़ेदान तक खाली नहीं हो रहे हैं। ताजा प्रकरण जीएमएस रोड द्रोणपुरी का है जहां मंगलवार को कूड़ेदान से कूड़ा बिखर रखा था। मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने इस संबंध में चेन्नई एमएसडब्ल्यू कंपनी का ही गंदगी फैलाने पर चालान काट दिया। पांच साल की मशक्कत के बाद 2019 में निगम ने शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा उठान की जिम्मेदारी नई कंपनी चेन्नई एमएसडब्ल्यू को दी थी। शुरुआत में वर्ष 2011 से मार्च 2014 तक यह काम डीवीडब्ल्यूएम कंपनी ने देखा, लेकिन बाद में हाथ खड़े कर दिए। फिर नगर निगम ने यह काम अपने निर्देशन में आउट-सोर्सिंग कंपनी के जरिए किया, पर यूजर-चार्ज में हर महीने निगम को दस से पंद्रह लाख रुपये की चपत लगती रही। पूर्व में निगम में करीब 25 लाख यूजर चार्ज आ रहा था, जो महज 10 लाख रह गया। इस बीच जनवरी-18 में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शुरू हुआ तो डोर-टू-डोर कूड़ा उठान टेंडर कराना भी जरूरी हो गया।

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