पौड़ी। विश्व रंगमंच दिवस पर उत्तराखंड के प्रसिद्ध हुड़कावादक भक्ति शाह ने तमाम सभी लोकवादकों, रमंप्रेमियों को शुभकानाएं देते हुए सरकार से लोकवादकों के लिए ठोस नीति बनाने की मांग उठाई है। भक्ति शाह का कहना है कि राज्य गठन के 22 साल भी लोकवादकों के लिए अभी तक किसी भी सरकार ने कोई नीति नहीं बनाई है जिससे लोकवादकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और लोकवाद्ययंत्र भी विलुप्ति की कगार पर है। कहा कि जल्द ही सरकार ने लोकवादकों के लिए ठोस नीति नहीं बनाई तो लोकवादकों के साथ ही लोकवाद्ययंत्र विलुप्त हो जाएंगे।
उन्होंने सरकार से हर जिले में लोककला विद्यालय का निर्माण करने के साथ ही हुडका, ढोर थाली, ढोल दमाऊं, खंजरी, मशकबाजा, मोछंग सहित तमाम लोकवाद्ययंत्रों का सृजन विषय बनाकर लोककलाकारों को नियुक्ति देकर उन्हें प्रोत्साहन राशि देने की मांग उठाई है। पौड़ी गांव में रहने वाले प्रसिद्ध हुड़कावादक भक्ति शाह पिछले तीन दशकों से हुड़कावादन की लोकपरंपरा को बचाने का काम कर रहे है। वे प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी, प्रीतम भरतवाण, अनिल बिष्ट के साथ ही सभी प्रदेश के प्रसिद्ध लोकगायकों के साथ कई मंचों पर लोकगीतों पर हुड़कावादन के जरिए संगत देने का काम करते आ रहे है। जहां एक ओर नई युवा पीढ़ी अपनी लोकसंस्कृति से दूर होती जा रही है वहीं प्रसिद्ध भक्ति शाह अपने पिताजी लोकगायक भरोसीलाल शाह के द्वारा दी गई लोकवाद्ययंत्रों को बचाने की परंपरा बचाने का काम करते आ रहे है। भक्ति शाह ने बताया कि राज्य गठन के 22 साल बाद भी किसी भी सरकार ने लोकवादकों के लिए कोई भी ठोस नीति नहीं बनाई है। जिससे लोकवाद्ययंत्र विलुप्ति की कगार पर है। कहा कि एक ओर प्रदेश में हमारे लोकवाद्ययंत्रों को संजोया नहीं जा रहा है वहीं कई देशों में उत्तराखंड के लोकवाद्ययंत्रों का प्रशिक्षण देने के साथ ही उन्हें सजोए जाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने धामी सरकार से लोकवादकों के लिए ठोस नीति बनाते हुए लोकवाद्ययंत्रों बचाने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने सरकार से हर जिले में लोककला विद्यालय का निर्माण करने के साथ ही हुड़का, ढोर थाली, ढोल दमाऊ, खंजरी, मशकबाजा, मोछंग सहित तमाम लोकवाद्ययंत्रों का सृजन विषय बनाकर लोककलाकारों को नियुक्ति देते हुए उन्हें हर महीने प्रोत्साहन राशि दिए जाने की मांग की है। उन्होंने सरकार से लोककलाकारों को 45 साल के बाद पेंशन दिए जाने की भी मांग की है।