देहरादून। पौष्टिक ग्रामोद्योग संस्था द्वारा मुख्यमंत्री सतत आजीविका योजना के अंतर्गत सिलाई एवं जड़ी-बूटी उत्पादन प्रशिक्षण आरंभ हो गया है। 1 अप्रैल को विकासनगर एवं कालसी में जड़ी-बूटी उत्पादन के तीसरे बैच की शुरुआत कराई गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्थानीय महिलाओं को स्वरोजगार के माध्यम से स्वावलंबी बनाना है।
मुख्य अतिथि डॉ योगेश गैरोला एवं डॉक्टर नीलम रावत ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला महिला सशक्तिकरण के लिए जरूरी है, साथ ही उन्होंने उत्पाद को एक्सपोर्ट क्वालिटी बनाने की सलाह दी। कहा कि नया डिजाइन सीखकर उत्पाद को और अधिक आकर्षक बनाया जा सकता है। संस्था सचिव अमिता चौहान महतो एवं सदस्यों द्वारा महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखंड का धन्यवाद व्यक्त किया गया।
साथ ही महिला बाल विकास अधिकारी विभाग से प्रतिनिधि के रुप में आई फूल देवी जी एवं टीम को धन्यवाद व्यक्त किया गया। समारोह में ग्राम प्रधान सुनैना चौहान ((धोईरा) अनिता देवी (बरोटीवाला) एवं प्रवेश रतवाल (कटापत्थर) ने भी उपस्थित होते हुए महिलाओं को प्रशिक्षण के लिए प्रेरित किया। संस्था द्वारा सभी ग्राम प्रधानों का धन्यवाद व्यक्त किया गया।