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विजिलेंस में दर्ज शिकायतों ने खोली सरकारी सुशासन की पोलः मोर्चा

-भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए सरकार ने किया था भ्रष्टाचार रोधी ऐप लॉन्च
-दो महीने में आ चुकी लगभग 3600 शिकायतें
-पूरा प्रदेश भ्रष्टाचार की चढ़ चुका भेंट
-बगैर सुविधा शुल्क के आगे नहीं बढ़ पा रही पत्रावलियां

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि अप्रैल 2022 में सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को रोकने हेतु भ्रष्टाचार रोधी ऐप 1064 लॉन्च किया और सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर इन दो माह में लगभग 3600 शिकायतें विजिलेंस को प्राप्त हो चुकी हैं, जोकि सरकार को आईना दिखाने के लिए काफी है यानी सरकारी सुशासन की पोल पट्टी खोलने के लिए काफी है। ये आंकड़ा तो तब है, जब अधिकांश लोगों को इसकी जानकारी नहीं है तथा कई लोग डर एवं फजीहत की वजह से शिकायतें दर्ज नहीं कराते। भ्रष्टाचार की शिकायतों के मामले में अन्य कई फोरम पर भी जनता द्वारा हजारों की संख्या में शिकायत दर्ज कराई गई हैं। इन 2 महीनों में मात्र 8-10 मामलों का ही निस्तारण हो पाया। मामलों के निपटारे में तेजी न होने की सबसे बड़ी वजह सरकारी तंत्र की चाक-चौबंद व्यवस्था न होना है।                 नेगी ने कहा कि काश सरकार ने इस ऐप की जगह अधिकारियों और अपने मंत्रियों पर शिकंजा कसा होता तो यह नौबत न आती। नेगी ने कहा कि इन आंकड़ों से जाहिर है कि प्रदेश भ्रष्टाचार के आकंठ दलदल में समा चुका है तथा आमजन की प्रदेश में सुनने वाला कोई नहीं है। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि इस भ्रष्टाचार रूपी महामारी को समाप्त करने हेतु युद्ध स्तर पर कार्य करें।

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