-170 करोड की बिजली आयोग की स्वीकृति के बिना खरीदना सरकार की नाकामी
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि यूपीसीएल द्वारा ₹170 करोड़ की बिजली खरीद पर विद्युत नियामक आयोग से सहमति न लेना अथवा खरीद से संबंधित प्रस्ताव नियामक आयोग के समक्ष पेश न करना सरकार की नाकामी को दर्शाता है तथा सरकार की मंशा पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है। ये हालात तब हैं, जब ऊर्जा विभाग स्वयं मुख्यमंत्री के पास है। नेगी ने कहा कि गर्मी का मौसम आने से पहले निगम सरकार को होमवर्क करना चाहिए था, जो उसने नहीं किया, जिसका नतीजा यह हुआ कि आकंठ कर्ज में डूबे प्रदेश को करोड़ों रुपए की बिजली महंगे दामों में खरीदनी पड़ी। निगम को चाहिए था कि बिजली खरीद से पहले आयोग के समक्ष प्रस्ताव तो पेश किया होता, चाहे आयोग स्वीकृति देता या न देता, वह अलग बात होती, लेकिन प्रस्ताव रखने तक की जहमत नहीं उठाई गई द्य उक्त स्वीकृति न मिलने के कारण निगम का घाटा बढ़ेगा और यह घाटा निकट भविष्य में विद्युत उपभोक्ताओं से वसूला जाना तय है। नेगी ने कहा कि यूपीसीएल सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए रातों-रात कुछ भी कर लेते हैं, लेकिन जनता की विद्युत समस्याओं पर संज्ञान लेने में महीनों, सालों लगा देते हैं। नेगी ने कहा कि निगम सरकार की इस करतूत से प्रतीत होता है कि सरकार का प्रबंधन फेल हो चुका है। पत्रकार वार्ता में मो. असद व प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे।