-जनसुनवाई कार्यक्रम में डीएम ने सुनीं जनशिकायतें, 88 शिकायतें हुई दर्ज
देहरादून। जनसुनवाई में जिलाधिकारी ने वर्चुअल माध्यम से जनसुनवाई में जुड़े उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्र की शिकायतों के निस्तारण की नियमित समीक्षा करें। जिलाधिकारी सोनिका की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में सोमवार को आयोजित जनसुनवाई में 88 शिकायतें प्राप्त हुई। जिनमें कई शिकायतों का मौके पर निस्तारण किया गया।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन शिकायतों के निस्तारण में शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है, ऐसी शिकायतों पर उच्च अधिकारी भी मौका मुआयना कर आख्या दें। जनसुनवाई में कई ऐसी शिकायतें प्राप्त हो रही है जिन पर न्यायालय में वाद विचाराधीन है ऐसी शिकायतों का तत्काल निस्तारण संभव नहीं है की जानकारी भी शिकायतकर्ता को भी दे दी जाए ताकि शिकायतकर्ता को अनावश्यक न भटकना न पड़े। जिलाधिकारी ने सरकारी भूमि पर कब्जे की शिकायतों पर अवैध कब्जों की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी प्रशासन की अध्यक्षता में बनाई गई समिति को जांच करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार सभावाला विकासनगर में शासकीय भूमि पर कब्जा तथा भीमावाला में रातों-रात पेड़ काटने की शिकायत पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। ग्रामवासियों द्वारा मालदेवता में बैरीकेटिंग लगाने की मांग तथा केसरवाला में सेना द्वारा सड़क निर्माण न करने देने की शिकायत पर उपजिलाधिकारी सदर को जांच करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण करते हुए शिकायतकर्ता से भी दूरभाष पर वार्ता करने के निर्देश दिए। साथ ही निर्देशित किया कि सीएम हेल्पलाइन पर कोई भी शिकायत लंबित न रहे अधिकारी इसका विशेष ध्यान रखें। जनसुनवाई में मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान, अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ. एसके बरनवाल, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व केके मिश्रा, नगर मजिस्ट्रेट कुश्म चैहान, उप जिलाधिकारी सदर नरेश चन्द दुर्गापाल, पुलिस अधीक्षक सर्वेश चैहान, सहायक नगर आयुक्त एसपी जोशी, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण आरसी तिवारी, सहायक निदेशक सूचना बीसी नेगी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज कुमार उप्रेती, मुख्य कृषि अधिकारी लतिका सिंह, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी शशिकांत गिरी, जिला समाज कल्याण अधिकारी गोवर्धन, एमडीडीए, लोनिवि, पेयजल निगम, जल संस्थान, सिंचाई, विद्युत आदि संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।