News Update उत्तराखण्ड सिटी अपडेट

यौन उत्पीड़न, गंगा जल और राज्य सरकार की खनन नीति पर कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा ने बोला हमला      

देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने प्रेस वार्ता कर राज्य और केंद्र की सरकारों पर तगड़ा हमला बोला। दसौनी ने कहा कि हल्द्वानी के दृष्टिबाधित नाबालिग छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न करने वाले 65 वर्षीय श्याम धनक पर राज्य सरकार मौन क्यों है। दसौनी ने कहा की नवरात्रि में बालिकाओं के सम्मान से जुड़ी बड़ी-बड़ी बातें करने वाली सत्ता रूढ़ दल की महिला नेत्रियों को सांप सूंघ गया है और सबसे बड़ा सवाल यह है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री महिला होने के बावजूद इस पूरे प्रकरण पर सन्नाटे में क्यों है ?दसौनी ने कहा कि श्याम धनक जैसा विकृत मानसिकता का व्यक्ति जो वर्षों से दृष्टिबाधित संस्था में नाबालिग बच्चियों के साथ अश्लीलता की सारी हदें पार कर चुका है इसकी शिकायत मिलने के बावजूद हल्द्वानी पुलिस डेढ़ महीने तक फाइल को दबाकर क्यों बैठी रही और राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से क्यों नहीं ले रही है?
दसौनी ने केंद्र सरकार द्वारा गंगाजल पर 18 पर्सेंट जीएसटी लगने वाले आदेश की भी कड़ी निंदा की और कहा की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने जब मुखरता से केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर घेरा तब कहीं जाकर गंगाजल को बेचने का मन बना चुकी भाजपा सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े। दसौनी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जब भी उत्तराखंड आते हैं तो केदार बाबा ने बुलाया है, गंगा मैया ने बुलाया है और उत्तराखंड से गहरे संबंधों की बात करते हैं परंतु पैसे की भूख ने जैसे भाजपा की सोचने समझने की शक्ति खत्म कर दी है , आज वह हमारे पवित्र गंगाजल को भी बेचने का कुत्सित प्रयास कर रही है ।
दसौनी ने याद दिलाते हुए कहा कि ऐसा ही कुछ निशंक सरकार में मदन कौशिक जो कि पर्यटन मंत्री थे उनके द्वारा प्रस्ताव लाया गया था जिसका उत्तराखंड वासियों ने पुरजोर विरोध किया और निशंक सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े ।
दसौनी ने राज्य सरकार की खनन नीति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश की आर्थिकी और राजस्व बड़े पैमाने पर आबकारी और खनन पर निर्भर करते हैं ,फिर ऐसा क्यों है कि राज्य सरकार के पास कोई ठोस खनन नीति नहीं है और हर बार वह सवालों के घेरे में रहती है और उच्च न्यायालय के सामने मुंह की खानी पड़ती है। दसौनी ने कहा कि बीते रोज ही उच्च न्यायालय से धामी सरकार को खनन नीति के मामले में करारा झटका दिया है, जिसमें ई टेंडरिंग की प्रक्रिया पर उच्च न्यायालय के द्वारा रोक लगा दी गई है। एक याचिका कर्ता की आपत्ति पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने सख्त निर्देश देते हुए राज्य सरकार से कहा है की पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन नहीं कराया गया है तो ई टेंडर प्रक्रिया को तुरंत रोक दिया जाए ।दसोनी ने कहा की ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि जिस खनन पर राज्य निर्भर कर रहा है क्या सरकार के पास एक भी सुलझा हुआ अधिकारी नहीं है जो राज्य सरकार को ठोस और फूल प्रूफ खनन नीति डिजाइन करके दे सके जिसे हाई कोर्ट में चैलेंज ना किया जा सकें।

Related posts

सीएम ने सेवा क्षेत्र नीति लागू करने के लिये प्रस्ताव आगामी कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये

Anup Dhoundiyal

मार्ग दुर्घटना में 11 लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने जताया शोक

News Admin

सुपर स्पेशियलिटी नेत्र अस्पताल श्रृंखला एएसजी आईज हॉस्पिटल्स का दून में हुआ शुभारंभ

Anup Dhoundiyal

Leave a Comment