देहरादून। यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में डॉक्टरों की टीम ने 118 किलो के मरीज की सफल कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्टिंग (सीएबीजी) की है। ये सर्जरी काफी चुनौतीपूर्ण थी, क्योंकि मरीज को अन्य बीमारियां थीं, उनकी किडनी में स्टोन था, हाई क्रिएटनीन था, डीजे स्टेंट लगा था, गंभीर ट्रिपल वेसल डिजीज और डायबिटीज थी। प्राइवेसी के चलते मरीज की पहचान को गुप्त रखा गया है। यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की मेडिकल टीम के लिए ये केस काफी अलग था। मशहूर कार्डियोथोरेसिक सर्जन के नेतृत्व में डॉक्टर अखिल कुमार रुस्तगी ने बहुत ही ध्यान से इस पूरे केस को हैंडल किया और तीन ग्राफ्ट के साथ सफलतापूर्वक सीएबीजी की।
यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सीटीवीएस में हेड डॉक्टर अखिल कुमार रुस्तगी ने कहा कि इस सर्जरी की सफलता यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की मेडिकल टीम के कौशल और समर्पण को दिखाती है। मरीज का मोटापा और कई अन्य बीमारियों के चलते, ये मामला काफी चुनौतीपूर्ण था, जिसे हैंडल करने के लिए एक व्यापक और मल्टी डिसीप्लिनरी अप्रोच की जरूरत थी। मरीज की किडनी में स्टोन थी, क्रिएटनीन लेवल हाई था, डीजे स्टेंट प्लेस करने की जरूरत थी। इसके अलावा, मरीज को गंभीर ट्रिपल वेसल डिजीज थी, जिसके लिए तीन ग्राफ्ट के साथ सीएबीजी की जरूरत थी। ऑपरेशन के बाद मरीज को प्लूरल इफ्यूजन हो गया जिसके लिए रेडियोलॉजिस्ट ने यूएसजी गाइडेड प्लूरल टैपिंग की। इस मामले में मरीज का वजन एक बड़ी बाधा थी, जिसके चलते इंफेक्शन और स्टर्नल समस्या का भी रिस्क था। इसके अलावा लंबे समय तक वेंटिलेशन पर रखने और निमोनिया होने का भी खतरा था। इन तमाम चुनौतियों को पार करते हुए यथार्थ सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की मेडिकल टीम ने सफलतापूर्वक प्रक्रिया को अंजाम दिया।
डॉक्टर रुस्तगी ने कहा कि मरीज के ज्यादा वजन को देखते हुए हमें इंफेक्शन और स्टर्नल विकृति का अंदाजा था। जिसे देखते हुए सर्जरी की प्लानिंग की गई, सर्जरी को अंजाम देने के बारे में प्लानिंग की गई, सर्जरी के बाद केयर के बारे में प्लानिंग की गई ताकि मरीज की सफलतापूर्वक रिकवरी हो सके। फिलहाल मरीज की रिकवरी बेहतर तरीके से हो रही है और दो महीने बाद डॉक्टरों की टीम डीजे स्टेंट हटाने का प्लान कर रही है। इस चुनौतीपूर्ण केस का सकारात्मक रिजल्ट मरीजों को हाई क्वालिटी इलाज मुहैया कराने की अस्पताल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।