देहरादून। जीतू-बगडवाल एक ऐसी प्रेम कथा, जिसका जब भी मंचन होता है, समाज की भावनाएं उफान पर होती हैं। आज कौथिग के मंच पर जीतू-बगडवाल की प्रस्तुति लोगों को भाव-विभोर कर गयी, इसके अलावा अन्य प्रस्तुतियों ने भी मन मोह लिया। कौथिग के मंच पर विधायिका मंदा म्हात्रे उपस्थित थीं, कौथिग के 15 वर्ष के सफर में मंदा ताई की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मंदा ताई ने कहा कि वे हमेशा सांस्कृतिक लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध रही हैं और कौथिग के 15 साल के सफर उनकी शुभकामनाओं में शामिल रहा है। कौथिग में जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी उल्लेखनीय है. खरीदारी को लेकर लोगों में अभूतपूर्व उत्साह है. सिर्फ उत्तराखंडी ही नहीं, गैर उत्तराखंडियों में जैविक उत्पादों की खरीददारी के प्रति भारी उत्साह रहा। कौथिग में आज कई मेहमानों ने उपस्थिति दर्ज कराई। रतन सिंह बर्त्वाल, हयात सिंह राजपूत, देवी प्रसाद सेमवाल, सुनील जोशी, अवतार सिंह नेगी, द्वारिका प्रसाद भट्ट, बी.के. शर्मा, राजेश भंडारी, रतन सिंह मयाल, किरण उत्तरैणी, साधना पंवार, सदाशिव तावड़े और साथी, पुष्कर सिंह नेगी आदि उपस्थित थे।
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