देहरादून। तुलाज इंस्टीट्यूट ने उत्तराखंड के गांवों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से तुलाज टेक्नोलॉजी रिसोर्स सेंटर (टीआरसी) का उद्घाटन किया। उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूसीओएसटी), उत्तराखंड सरकार द्वारा वित्तपोषित, टीआरसी का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और छात्रों के बीच तकनीकी कौशल का पोषण करना है, साथ ही साथ राज्य भर में गोद लिए गए गांवों में आजीविका सृजन की तत्काल आवश्यकता को पूरा करना है।
उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड सरकार के यूएसईआरसी की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत, साथ ही तुलाज इंस्टीट्यूट की कार्यकारी निदेशक सिल्की जैन मारवाह, तुलाज ग्रुप के उपाध्यक्ष रौनक जैन, तुलाज इंस्टीट्यूट के प्रौद्योगिकी उपाध्यक्ष डॉ राघव गर्ग, तुलाज इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर संदीप विजय, डीन अकादमिक प्रोफेसर निशांत सक्सेना, डीन आरएंडडी डॉ सुनील सेमवाल और पीआई टीआरसी और समन्वयक आरएंडडी डॉ त्रिपुरेश जोशी सहित गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। उनकी सामूहिक दृष्टि ने शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
इस मौके पर तुलाज इंस्टीट्यूट की कार्यकारी निदेशक सिल्की जैन मारवाह ने कहा, टीआरसी रोजगार सृजन के उद्देश्य से प्रशिक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। यह उन्नत सिलाई और बेकरी मशीनों सहित अत्याधुनिक संसाधनों से सुसज्जित है, जो आजीविका बढ़ाने के लिए आवश्यक व्यावहारिक कौशल प्रदान करने के लिए तैयार है। यह सुविधा न केवल तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के बारे में है, बल्कि गोद लिए गए ग्रामीणों को तुलाज इंस्टिट्यूट के संसाधनों के साथ एकीकृत करने के बारे में भी है, ताकि स्थायी रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें।”