नई दिल्ली । चारा घोटाला मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की किस्मत का फैसला आज सुनाया जाएगा। 950 करोड़ रुपए के चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपए की अवैध निकासी के मुकदमे में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, विद्यासागर निषाद, आर के राणा, जगदीश शर्मा, ध्रुव भगत, समेत 22 लोगों के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत आज अपना फैसला सुनाएगी। इस अहम फैसले पर पूरे देश की नजर बनी हुई है।
अदालत के फैसला का क्या पड़ेगा असर
आज चारा घोटाले से जुड़े 3 मामलों पर फैसला आने वाला है, जिनमें लालू प्रसाद यादव आरोपी हैं। इन तीनों मामलों में से किसी में भी अगर लालू प्रसाद यादव को अदालत ने दोषी ठहराया तो उन्हें तत्काल जेल जाना पड़ सकता है और ऐसी स्थिति में राजद के बिखरने की आशंका जताई जा रही है। इसपर जदयू का दावा है कि लालू के जेल जाने पर राजद में तेजी से भागमभाग होगी। ऐसा माना जा रहा है कि राजद के कुछ सीनियर नेता मौका पड़ने पर पाला बदल सकते हैं। उधर कांग्रेस में भी इस फैसले को लेकर खलबली मची हुई है।
लालू को हुई जेल, तो राजद की कमान संभालेंगे तेजस्वी
तेजस्वी यादव लालू प्रसाद के उत्तराधिकारी तो पहले ही घोषित हो चुके हैं और राजद-जदयू गठबंधन की सरकार में बिहार के डिप्टी सीएम के पद को लेकर जिस तरह तेजस्वी का नाम आगे बढ़ाया गया था, उससे यह भी साफ है कि लालू तेजस्वी में राजद की कमान संभालने की काबिलियत देखते हैं। ऐसे में अगर लालू को जेल जाना पड़ा तो पार्टी की कमान तेजस्वी के हाथ आ जाएगी। हालांकि यह भी सच है कि तेजस्वी को राजनीति की उतनी समझ नहीं है, जितनी लालू को है। उन्हें अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है। ऐसे में अगर तेजस्वी राजद की गद्दी पर विराजमान होते हैं तो उन्हें कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
क्या है चारा घोटाला
– वर्ष 1990-1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की फर्जीवाड़ा का प्रकाश में आया
– कई वर्षों तक पशुपालन विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों ने राजनीतिक मिली-भगत के साथ रुपए की निकासी हुई
– अवैध ढंग से पशु चारे के नाम पर निकासी के इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे
– 27 अक्तूबर, 1997 को सभी आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया
– इस केस में लालू प्रसाद के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा एवं ध्रुव भगत, आर के राणा, तीन आईएएस अधिकारी फूलचंद सिंह, बेक जूलियस एवं महेश प्रसाद, कोषागार के अधिकारी एस के भट्टाचार्य, पशु चिकित्सक डा. के के प्रसाद तथा शेष अन्य चारा आपूर्तिकर्ता आरोपी बनाए गए
– सभी 38 आरोपियों में से 11 की मौत हो चुकी है, जबकि तीन सीबीआई के गवाह बन गए हैं
– वहीं दो ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था, जिसके बाद उन्हें 2006-07 में ही सजा सुना दी गई थी
-इस प्रकार इस मामले में आज अदालत कुल 22 आरोपियों के खिलाफ ही अपना फैसला सुनाएगी
– शिवपाल सिंह की अदालत ने इस मामले में सभी पक्षों के गवाहों के बयान दर्ज करने और बहस के बाद अपना फैसला 13 दिसंबर को सुरक्षित रख लिया था