देहरादून। गौ माता राष्ट्र माता अभियान के अग्रदूत पूज्य गोपाल मणि महाराज जी अपने प्रवचन में बता रहे हैं कि भगवान से जुड़ने के लिये प्रभु का नाम पकड़ लो। मनुष्य का जब जन्म होता है तो सर्वप्रथम मां बोलता है और सभी पुराणों का निष्कर्ष पराम्भा मां भगवती गौमाता है, रामचरितमानस के बालकाण्ड में दृष्टि ठीक रखने अर्थात सकारात्मक दृष्टि रखने की सीख दी है, अयोध्याकाण्ड में असली दर्पण भगवान कथा को बताया गया है जिसमें हम अपने असली जीवन का आंकलन करते हैं।
चारों शंकराचार्यों के मार्गदर्शन व ज्योतिषपीठ के पूज्य शंकराचार्य जी के साथ 22 सितंबर से प्रारम्भ अयोध्या से 26 अक्टूबर दिल्ली में सम्पन होगी गौ प्रतिष्ठा यात्रा.. गौमाता को राष्ट्रमाता बनाने हेतु देश के प्रत्येक राज्य की राजधानी से हो कर निकलेगी यह यात्रा आगे महाराज जी ने रामकथा के अंदर मंथरा का प्रसंग सुनाते कहा कि कुसंगति के कारण कैकई जैसी राम की अति प्रिय माता की भी बुद्धि खराब हो गयी जो भगवान राम को सर्वाधिक प्रेम करती थी वही आज राम को वनवास भेजने का वरदान मांग रही है इसलिए हमेशा अपने सलाहकार संगति अच्छी रखो वरना जीवन में कब पतन शुरू हो जाए पता ही नही । राम वनवास कथा का प्रसंग सुन सभी श्रोता भावुक हो गए कंठ अवरुद्ध हो गया पूरे पांडाल पर करुणता छा गयी..संत मणि महाराज ने कहा कि राम जी जो पिता द्वारा जब वनवास भेजा गया तो राम ने सहर्ष स्वीकार किया कभी भी माता पिता की आज्ञा का उलंग्घन न करना ही राम की आदर्शवादिता है. यह है भारत की संस्कृति जहां माता पिता के प्रति इतना आदर्श और सम्मान हो
यह कथा क़ल विराम लेगी इस अवसर पर महंत 108 कृष्णा गिरी जी महाराज मनोहर लाल जुयाल, पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, मुख्यमंत्री धामी के सलाहकार हरीश कोठारी, बलवीर सिंह पंवार, गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, शूरवीर सिंह मतुड़ा, यशवंत सिंह रावत, डॉ जनानंद नौटियाल, सक्षम जुयाल, विमला नौटियाल, नरेन्द्र रौथाण, डॉ सीता जुयाल, डॉ राकेश नौटियाल, आनन्द सिंह रावत, सत्यप्रसाद भट्ट, वासुदेव चमोली कामिनी मोहन नौटियाल महावीर खंडूड़ी कामनी मोहन तेजराम सूरतराम डंगवाल देवेंद्र पाल सिंहराम राम आचार्य राकेश सेमवाल ऋषिराज उनियाल आचार्य राकेश रविन्द्र राणा पार्षद राकेश पंडित अनुसूया प्रसाद उनियाल अशोक मिश्रा बृजलाल रतूड़ी सहित मीडिया प्रभारी डॉ रामभूषण बिजल्वाण सहित हजारों लोग उपस्थित रहे हैं।